अपराधउत्तराखंड

“स्मैक तस्कर गिरफ्तार: ऋषिकेश में 63 लाख की ‘मौत की खेप’ बरामद..!!

मुजफ्फरनगर से लाया था नशे का जहर, पर्यटकों को बनाना चाहता था ग्राहक, पुलिस ने दबोचा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। टिहरी गढ़वाल पुलिस ने 63 लाख रुपये की 215 ग्राम अवैध स्मैक के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र से धर दबोचा।मुख्यमंत्री उत्तराखंड के “ड्रग फ्री देवभूमि” अभियान के तहत पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल के निर्देशन में जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए यह विशेष कार्रवाई की गई। अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस क्षेत्राधिकारी नरेंद्रनगर के मार्गदर्शन में मुनि की रेती पुलिस और सीआईयू की टीम ने संयुक्त रूप से यह बड़ी सफलता हासिल की।
————————————–पुलिस द्वारा संदिग्ध लोगों की चेकिंग के दौरान सुंदर पुत्र स्वर्गीय ब्रह्म सिंह (निवासी कस्बा रामराज, थाना बहसूमा, जनपद मेरठ, हाल निवासी इंदिरा नगर, ऋषिकेश) को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी मुनि की रेती क्षेत्र में हुई, जब वह अवैध रूप से स्मैक की तस्करी कर रहा था। तस्कर के कब्जे से 215 ग्राम स्मैक जिसकी अनुमानित कीमत करीब 63 लाख रुपये और इलेक्ट्रॉनिक तराजू व वीवो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद किया गया।
————————————–पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह यह स्मैक मुजफ्फरनगर से लाया था और इसे ऋषिकेश व मुनि की रेती में आने वाले पर्यटकों को बेचने की फिराक में था। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि तस्करी के पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके।
————————————–इस कार्रवाई में मुनि की रेती पुलिस और सीआईयू टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिनमें प्रभारी निरीक्षक, मुनि की रेती प्रदीप चौहान, एसएसआई योगेश चंद्र पाण्डेय, चौकी प्रभारी, कैलाश गेट किशन देवरानी, हेड कांस्टेबल कुलदीप, हेड कांस्टेबल सुनील सैनी, सीआईयू से प्रभारी, सीआईयू कार्यालय ढालवाला ओमकांत भूषण उपनिरीक्षक राजेंद्र रावत, एडीएसआई सुंदरलाल, हेड कांस्टेबल विकास सैनी, हेड कांस्टेबल अशोक कुमार, कांस्टेबल नजाकत शामिल रहे।
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पुलिस टीम को मिला इनाम….गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने इस शानदार उपलब्धि के लिए पुलिस टीम को 30,000 रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है।
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पुलिस की चेतावनी – नशा तस्करों की खैर नहीं….टिहरी पुलिस ने साफ कर दिया है कि उत्तराखंड में नशे का कारोबार करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। पुलिस लगातार निगरानी और चेकिंग अभियान चला रही है ताकि राज्य को नशा मुक्त बनाया जा सके। यह सफलता पुलिस की सतर्कता और मुस्तैदी का प्रमाण है, जिससे देवभूमि को नशा मुक्त बनाने के संकल्प को और मजबूती मिली है।

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