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तो ज्वालापुर में इस बार भी नहीं चलेगी एसपी सिंह की चुनावी “इंजीनियरिंग..

हर चुनाव के बाद गायब हो जाने वाले एसपी सिंह पर मतदाताओं को नहीं हो रहा विश्वास..

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पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर सीट पर इस बार आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे एसपी सिंह इंजीनियर की चुनावी “इंजीनियरिंग इस बार भी फेल होती नजर आ रही है। मतदाताओं का साफ कहना है कि एसपी सिंह केवल चुनाव लड़ने के लिए उनके बीच आते हैं। हारने के बाद 5 साल तक उनकी शक्ल भी नजर नहीं आती है। तीसरी बार घाट क्षेत्र से ताल ठोकने वाले एसपी सिंह इंजीनियर के वादों और दावों पर जनता विश्वास नहीं जमा रही है। यहां इस बार भी भाजपा विधायक सुरेश राठौर का जलवा कायम है।


कांग्रेस में एसपी सिंह इंजीनियर की गिनती पैराशूट नेताओं में होती आई है। वह चुनाव के अलावा कभी पार्टी के कार्यक्रमों या जनता की लड़ाई लड़ते नजर नहीं आते हैं। लेकिन चुनाव के समय हाथ में टिकट लेकर सीधे मैदान में लैंडिंग जरूर कर जाते हैं। इस काम में उनको महारत हासिल है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने उन्हें जबरदस्त पटखनी दे दी। यह शिकस्त एसपी सिंह को बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का बीड़ा उठाया। आजाद समाज पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में आई है। सीधे चुनावी मैदान की बात करें तो एसपी सिंह की चुनावी इंजीनियरिंग इस बार भी फेल होती दिख रही है। मतदाता हर चुनाव के बाद यह देख चुके हैं कि एसपी सिंह उन्हें कभी उनके दुख दर्द और मुसीबत के समय नजर नहीं आए। यहां तक कि कोरोना का हाल में जब लोग खाने और दवाइयों के लिए तरस रहे थे, तब भी एसपी सिंह इंजीनियर के दर्शन नहीं हुए। जनता का साफ कहना है कि जो उनके दुख-दर्द में शामिल हो उस व्यक्ति को ही विधायक बनाना है। क्षेत्र के कई गांवों में मतदाताओं से बात करने पर पता चलता है कि सुरेश राठौर एक बार फिर उनका विश्वास जीतने में कामयाब नजर आ रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण दिनेश सिंह, सतपाल, राजीव दुबे आदि का कहना है कि एसपी सिंह को सिर्फ चुनाव लड़ना है उन्हें जनता के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं है। सिर्फ चुनाव लड़ने ही वह जनता के बीच आते हैं, चुनाव के बाद ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे मिस्टर इंडिया की घड़ी से अनिल कपूर। बुग्गावाला क्षेत्र के निवासी सुलेमान रईस और जोगिंदर का कहना है कि एसपी सिंह इंजीनियर हर बार चुनाव हारते हैं, लेकिन फिर भी चुनाव लड़ने की जिद नहीं छोड़ते। जनता चार बार उन्हें नकार चुकी है एक बार फिर सुरेश राठोर के सामने हार का मजा चखने के लिए मैदान में आए हैं।

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