पंच👊नामा
रुड़की: झबरेड़ा पुलिस ने कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में एक और जटिल हत्याकांड का खुलासा करते हुए अपनी कुशलता का परचम लहराया है। दरअसल झबरेड़ा थाना क्षेत्र के झबरेड़ी कला गांव में 9 अक्टूबर, को विनोद कुमार का शव उनके कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। माथे और कान पर चोट के निशान और गले पर फंदे के निशान ने मामले को और उलझा दिया था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर फॉरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए। मृतक की संदिग्ध मौत के पीछे का राज तब खुला जब थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने एक सधी हुई जांच की।
मामला विनोद कुमार की पैतृक संपत्ति से जुड़ा हुआ था। उनके पास कुल 13 बीघा जमीन थी, जिसमें से 12 बीघा जमीन उन्होंने अपनी पत्नी बबीता के नाम कर दी थी। यह फैसला उनके बेटे रविंद्र को नागवार गुजरा। रविंद्र ने पिता पर जमीन अपने नाम करने का दबाव बनाया, लेकिन पिता के इनकार ने विवाद को और बढ़ा दिया। इसी गुस्से में रविंद्र ने अपने पिता की हत्या का खौफनाक षड्यंत्र रच डाला।
उसने गला घोंटकर अपने पिता की हत्या की और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। मामला संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही जांच तेज कर दी। 6 दिसंबर को आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विनोद की मौत गला घोंटने से हुई थी। इस रिपोर्ट ने पूरे मामले को पलट दिया। पुलिस ने बबीता को पूरी स्थिति से अवगत कराया और उनके बयान के आधार पर रविंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने रविंद्र से पूछताछ की, लेकिन वह बार-बार अपने बयान बदलता रहा। पुलिस की सटीक जांच और अकाट्य सवालों के सामने वह टूट गया और अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि जमीन के लालच में उसने अपने पिता की हत्या की। हत्या के बाद रविंद्र फरार रहने लगा था। एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने उस पर ₹5000 का इनाम घोषित किया। आखिरकार पुलिस ने उसे पकड़ लिया और न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया। इस मामले को सुलझाने में झबरेड़ा थाना प्रभारी अंकुर शर्मा, उप निरीक्षक रविंद्र कुमार, सिपाही मुकेश तोमर और रणवीर सिंह ने अहम भूमिका निभाई।