कलियर में जायरीनों और दुकानदारों के शोषण का पर्याय बनी ठेका प्रथा, नियाज़ में भी ठेकेदारी शुरू करने का पुरज़ोर विरोध…
सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रहे ठेके, सुविधाओं के नाम पर जीरो, दुकानदारों और जनप्रतिनिधियों ने उठाई टेंडर निरस्त करने की मांग..

पंच👊नामा
पिरान कलियर: दूध की रखवाली बिल्ली के सुपुर्द” करने की कहावत हो या फिर “बाड ही खेत को खा गई” ये दोनों प्रचलित कहावते दरगाह दफ्तर कलियर पर सटीक साबित हो रही हैं। वक्फ दरगाहों की देखरेख और जायरीनों की सहूलियतों के मद्देनजर बनाया गया दरगाह दफ्तर स्वार्थी अधिकारियों/कर्मचारियों और ठेकेदारों की तिजोरियां भरने का जरिया बनकर रह गया है…?

दरगाह प्रशासन की ठेका प्रथा ने पूरी धर्मनगरी का स्वरूप बदल डाला है। ठेका प्रथा पिरान कलियर आने वाले जारी न से लेकर स्थानीय दुकानदारों के लिए शोषण का पर्याय बन कर रह गई है। कलियर में तमाम दरगाहों के बाहर जूता रखने, प्रसाद की दुकानों और शौचालयों तक को ठेके पर दिया गया है।

हद की बात तो यह है कि हजरत मखदूम साबिर साहब की जिन्दगी से जुड़े लंगर को भी ठेकेदारों के हवाले करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अब नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों को भी ठेका प्रथा के सुपुर्द करने की तैयारी की जा रही है। जिसके विरोध में स्थानीय दुकानदारों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर दरगाह कार्यालय के बाहर पुरजोर तरीके से धरना-प्रदर्शन किया है।
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अक़ीदत ही नहीं, पेट का भी सवाल………
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आस्थावान लोग अपनी हैसियत के मुताबिक लंगर नियाज़ बनवाते हैं, जिससे सैकड़ो गरीब दुकानदारों को परिवार चलता है। नियाज़ लंगर का ठेका होने से सैकड़ो दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा, साथ ही आने वाले जायरीनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने दो टूक कहते हुए कहा कि ये टेंडर निरस्त किया जाए। अन्यथा सभी दुकानदार बाजार बंद कर दरगाह कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।
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दरगाह कार्यालय ने मांगे हैं टेंडर…..

दरगाह कार्यालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। जिसमे नियाज़ लंगर बनाने के लिए लगने वाली दुकानों के टेंडर निकाले गए है। इससे नाराज होकर सैकड़ो दुकानदार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सलीम प्रधान, इस्तेकार प्रधान, सभासद नाज़िम त्यागी, प्रवेज मलिक, गुलफाम साबरी, भूरा गोल्डन, फारुख, इस्तेकार अमन साबरी, राशिद साबरी, अकरम साबरी, डॉ शहजाद, असद साबरी, नोमी मियां, आदि ने दरगाह कार्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है और दरगाह प्रबन्धक रजिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी है।

इससे पूर्व भी जनप्रतिनिधियों ने दरगाह प्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर टेंडर निरस्त करने की मांग की थी।