पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते नहीं हुई महापंचायत, छावनी में तब्दील रहे कई गांव..
दिनेशानंद सहित नौ लोग गिरफ्तार, ड्रोन कैमरे से हुई निगरानी..

पंच👊नामा
रुड़की: भगवानपुर में शोभायात्रा के दौरान हुए बवाल के विरोध में काली सेना की ओर से प्रस्तावित हिंदू पंचायत को रोकने में आखिरकार पुलिस प्रशासन कामयाब रहा। धारा 144 के बीच चार भगवानपुर के कई गांव छावनी में तब्दील रहे। इस बीच हिंदू महापंचायत करने की जिद पर अड़े स्वामी दिनेशानंद भारती समेत समेत 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल हरिद्वार में हुई धर्म संसद का हवाला देते हुए भगवानपुर में हिंदू महापंचायत पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए थे। साथ ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह जैसे आला अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की थी। जिसका असर यह हुआ कि जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने एक दिन पहले ही क्षेत्र में डेरा डाल लिया।
धारा 144 लागू कर दी गई। रात में ही पुलिस बल डाडा जलालपुर में तैनात कर दिया गया। शासन के आला अफसर दिन भर जिलाधिकारी व एसएसपी से रिपोर्ट लेते रहे। रोक के बावजूद हिंदू पंचायत की जिद पर अड़े काली सेना के अध्यक्ष दिनेशानंद सहित मांगेराम, विपिन कुमार सैनी, पंकज कुमार, अशोक कुमार पांडे, सुबोध शर्मा, गिरीश चंद मिश्रा, आनंद स्वरूप महाराज, आत्मा नंद महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया।
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गांव में सामान्य रही दिनचर्या…
हिंदू महापंचायत को लेकर दूर दूर तक हल्ला रहा, लेकिन गांव के लोग अपनी नियमित दिनचर्या में मशगूल दिखे। उन्हें ऐसे किसी आयोजन से कोई मतलब नहीं था। रोजाना की तरह सुबह बच्चे स्कूल और ग्रामीण खेतों की तरफ निकल गए। गांव में पुलिस ही पुलिस देखकर ग्रामीणों को अजीब जरूर लगा। लेकिन आयोजन के समर्थन या विरोध में कोई हलचल ग्रामीणों की तरफ से नजर नहीं आई।
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इन जगह लागू की धारा 144…
डाडा जलालपुर, हसनपुर मदनपुर, डाडा पटटी, खूब्बनपुर लतीफपुर, बहबलपुर, मानक माजरा, अकबरपुर कालसो, खेड़ी शिकोहपुर, सिकरौढ़ा, हालूमाजरा।
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स्कूली बच्चों से अपील….
भगवानपुर: स्कूलों में बच्चों की
उपस्थिति नहीं बढ़ पा रही है। बुधवार को भी बेहद कम संख्या में बच्चे स्कूल पहुंचे। बताया गया है कि बवाल के बाद से ही अधिकतर बच्चे आसपास के रिश्तेदारों में गए हुए हैं। हालांकि स्कूलों पर पुलिस बल की तैनाती के साथ ही ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। हालांकि बवाल के बाद अब माहौल शांत है। लेकिन ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने में अभी भी कन्नी काट रहे हैं। स्कूल की एक छात्रा ने बच्चों से अपील की है कि वह स्कूल जरूर आए और अपनी पढ़ाई को न छोड़े। स्कूल के अध्यापक भी बच्चों को स्कूल आने की अपील कर रहे हैं।