धर्म-कर्महरिद्वार

शादियों में कम, बच्चों की तालीम पर करें ज़्यादा खर्च, इंसानियत और भाईचारा सबसे ऊपर..

मदरसों के जलसों में उलेमाओं ने दिया पैग़ाम, आठ साल की बच्ची सहित कई बच्चों ने किया कुरआन हाफिज़, कई जोड़ों के निकाह भी हुए..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मदरसों के सालाना जलसों में उलेमाओं ने मज़हब-ए-इस्लाम और दुनियावी तालीम पर अपने अपने बयानात पेश किए, इसके साथ ही मदरसों के सालाना बजट को भी पेश किया गया। ज्वालापुर, सराय, इक्कड़ आदि जगहों पर आयोजित हुए जलसों में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की। मदरसों में तालीम हासिल करने वाले जो बच्चें हाफ़िज़-ए-क़ुरआन बने उनकी दस्तारबंदी की गई। देर रात दुआएं खैर के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।ज्वालापुर के मोहल्ला तेलियान स्थित मदरसा इस्लामिया रशीदिया में सालाना जलसे का आयोजन हुआ, जिसमे दारुल उलूम देवबंद से उस्ताद मौलाना मुंतजिर ज़करिया साहब ने शिरकत की। जलसे में छोटे छोटे बच्चो में दीनी कार्यक्रम पेश कर खूब दुआएं ली। इस दौरान मदरसे से हाफिज ए कुरान बने एक बच्चे की दस्तारबंदी भी की गई, साथ ही जलसे में एक निकाह भी पढ़ाया गया। कार्यक्रम में उलेमा इकराम ने मज़हब ए इस्लाम और दुनियांवी तालीम पर बयानात पेश किए। मौलाना मुंतजिर ज़करिया ने कहा इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है, पैगम्बर मोहम्मद साहब ने पूरी दुनियां को इंसानियत का पैगाम दिया, मोमिन को अपने किरदार से अपनी पहचान करानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी से तालीम हासिल करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में ज्वालापुर कोतवाली के प्रभारी आर. के. सकलानी ने मंच से नशे के दुष्परिणाम की जानकारी दी और नशे के खिलाफ आमजन का सहयोग मांगा। मदरसे के नाजिम मौलाना मोहम्मद इकराम ने सालाना आमद व खर्च को पेश किया। कार्यक्रम में कारी मोहम्मद शहजाद, मुफ़्ती अब्दुल गफ्फार, कारी मोहम्मद हारून, मास्टर मोहम्मद गुलफाम, हाफिज मोहम्मद यूसुफ समेत मदरसे का स्टॉफ मौजूद रहा। इसके साथ ही मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी से अध्यक्ष हाजी सुलेमान, उपाध्यक्ष हाजी दिलशाद, सेकेट्री जाकिर हुसैन, ऑडिटर हाजी शौकीन अहमद, खजांची अब्दुल सलाम, व सदस्य रियासत अली, सरफराज, इरफान, हाजी इस्लाम, चाँद मुबारक, शमशाद आदि मौजूद रहे।
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वही इक्कड़ खुर्द स्थित मदरसा दारुल उलूम अरशदीया का सालाना जलसा दो दिन तक चला। जलसे की सदारत मौलाना शराफत अली कासमी ने की। कार्यक्रम में मदरसा शाही मुरादाबाद से मौलाना अब्दुल रहमान, मौलाना मुफ्ती तौहीद और मौलाना सुलेमान, मौलाना हुसैन अहमद, मौलाना मुस्लिहुद्दीन, मौलाना मुजम्मिल और मौलाना अजहर मदनी साहबजादा हजरत मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने शिरकत की। उलमाए किराम ने समाज में फैली बुराइयां नशा, शराब, जुआ, चोरी, दहेज देने लेने, आतिशबाजी, हकहुक़ूक़, शादी ब्याह में फुजूलखर्ची से रोकने पर लोगों को समझाया और लोगों से कुरान और हदीस की रोशनी में बताया कि इन कामों की इस्लाम में कोई गुंजाइश नहीं है, उन्होंने कहा ये सब काम गुनाह के हैं, इनसे बचना चाहिए। हजरत मौलाना अजहर मदनी ने जलसे में शामिल हजारों लोगों से अपील की कि जिंदगी सादगी के साथ गुजारें और अपना कीमती पैसा तालीम पर खर्च करें और अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा सलूक और बड़ों का आदर करें। इस मौके पर हाफ़िज़ ए कुरआन बने 13 बच्चों की मदनी साहब ने अपने हाथ से दस्तारबंदी की। इसके साथ ही मुख्तलिफ गांव से आए हुए 5 जोड़ों के निकाह भी जलसे में मदनी साहब ने पढ़ाए। इस दौरान मदरसा के पूरे साल की आमद व खर्च की रिपोर्ट मदरसे के नाजिम मौलाना शराफत अली कासमी ने पेश की।कार्यक्रम की निजामत मौलाना अब्दुल वाहिद ने की। देर रात हजरत मौलाना सैय्यद अजहर मदनी ने मुल्क में अमनो सलामती की दुआं कराई।
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दूसरी तरफ मोहल्ला घोसियान स्थित मदरसा दारुल उलूम हाशमिया में भी आलीशान जलसा हुआ। खास बात यह रही कि आठ साल की एक बच्ची समेत कई बच्चों ने कुरान हिफ़्ज़ किया और उनकी दस्तारबंदी की गई। बच्चे के दो भाई पिछले साल ही कुरान हाफिज बने थे। मदरसे के मोहतमिम मौलाना इकबाल कासमी ने साल भर का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इस दौरान बच्चों ने एक से बढ़कर एक साथ पेश करते हुए सभी का दिल जीत लिया। मदरसे के जिम्मेदार खलील अहमद, सुलेमान अहमद, सईद अहमद, मूसा, इलयास ठेकेदार, सोहराब अली, हाजी मुकर्रम अली, मुर्सलीन अहमद, मुक़ब्बिल आदि ने मेहमानों का ख़ैरमखदम किया।

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