हरिद्वार

सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने के फैसले का श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने किया स्वागत..

श्रद्धालुओं को वितरित की गीता, परिवार के हर सदस्य से पाठ करने की अपील..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने के ऐतिहासिक निर्णय का व्यापक स्वागत हो रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस पहल को सनातन संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया है।मनसा देवी चरण पादुका मंदिर परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने श्रद्धालुओं को गीता की प्रतियां वितरित कीं और हर परिवार से इसका नियमित पाठ करने की अपील की। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन के प्रत्येक पक्ष को स्पर्श करने वाली दिव्य ज्ञानगंगा है।श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने अपने संबोधन में कहा, “उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय भावी पीढ़ी को नैतिकता, आत्मबोध और विवेक का मार्ग दिखाएगा। गीता आधुनिक जीवन की चुनौतियों में संतुलन और समाधान का माध्यम है। यह हर छात्र के जीवन में स्थायी मूल्यों की स्थापना करेगी।”उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर सम्मान मिल रहा है। उन्होंने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड द्वारा भी इस फैसले का समर्थन करने पर उन्हें साधुवाद व आशीर्वाद दिया।कार्यक्रम में एचआरडीए सचिव मनीष सिंह ने भी भाग लिया और कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और जीवन-दर्शन की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा पद्धति को मूल्य आधारित बनाने में सहायक होगी।इस मौके पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि, मंदिर ट्रस्टी श्रीमहंत राजगिरि, विश्व गुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद गिरि, भोला शर्मा समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वे अपने घरों में श्रीमद्भागवत गीता का नियमित रूप से पाठ करें, जिससे अगली पीढ़ी को भी इसके गूढ़ संदेशों से परिचित कराया जा सके।

 

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