पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तरकाशी: हिंदू संगठनों की ओर से उत्तरकाशी में मस्जिद के खिलाफ जुटाई गई भीड़ की तरफ से पुलिस पर हुए पथराव व बोतलों से हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक इंस्पेक्टर और सिपाही को गंभीर हालत में हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया गया। पुलिस ने बमुश्किल स्थिति को संभाला। लेकिन सवाल यह है कि जब प्रशासन मस्जिद की वैधता लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट कर चुका था। फिर मस्जिद को अवैध बताकर हजारों की भीड़ जुटाने के पीछे आखिर मंशा क्या थी..? पूरे बवाल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसके साथ ही लोग पुलिस पर पथराव करने वाले पत्थरबाजों पर कार्रवाई की मांग भी उठा रहे हैं। इस बीच कुछ लोग साजिश के तहत यह अफवाह फैला रहे हैं कि पुलिस पर समुदाय विशेष यानी मुस्लिम समाज के लोग ने पथराव किया है। उत्तरकाशी पुलिस ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से इसका खंडन किया है। इसके साथ ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की तरफ से हुए पथराव में सात पुलिसकर्मियों के घायल होने की जानकारी भी साझा की है।
स्वामी दर्शन भारती ने जारी किया था वीडियो……
स्वामी दर्शन भारती सहित कई हिंदू संगठन उत्तरकाशी शहर में स्थित मस्जिद को अवैध बताकर ध्वस्त करने की मांग उठाते आ रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन अपनी छानबीन के बाद यह स्पष्ट कर चुका है मस्जिद पूरी तरह वैध है। इसको लेकर जिला प्रशासन बकायदा प्रेस विज्ञप्ति भी जारी कर चुका है।
इसके बावजूद संगठन मस्जिद को अवैध बताकर अपनी मांग पर अड़े हैं। स्वामी दर्शन भारती के वीडियो निमंत्रण पर सैकड़ों की संख्या में हिंदूवादी कार्यकर्ता व अन्य लोग उत्तरकाशी पहुंचे। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए जनाक्रोश रैली बैरिकेड के पास पहुंची, जहां उनकी पुलिस से तीखी झड़प हुई। इस दाैरान भीड़ ने पथराव कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। रैली के चलते बाजार बंद कराए गए। मस्जिद के पास से जाने की अनुमति नहीं मिलने तक प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह धरने पर डटे रहेंगे। यही भाषणबाजी शुरू हो गई। बैरिकेडिंग लगाकर रोकने के बावजूद भीड़ पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुई। इतना ही नहीं, भीड़ की तरफ से पथराव चालू हो गया। तब पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़। पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। बैरीकेटिंग तोड़कर भटवाड़ी रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट परिसर में भारी हंगामा हुआ।
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क्या कहता है उत्तरकाशी जिला प्रशासन…..
उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से 21 अक्टूबर को मस्जिद को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी। जिससे मस्जिद को लेकर भ्रम की स्थिति पर विराम लगने की उम्मीद थी। उपजिलाधिकारी मुकेश रमोला ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस भूमि पर मस्जिद बनी है वह भूमि खाते धारकों के नाम पर दर्ज है।
साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग, लखनऊ की ओर से प्रकाशित सरकारी गजट में 20 मई 1987 में यह मस्जिद उल्लेखित है। जिसमें सुन्नी वक्फ की ओर से मस्जिद का खसरा, रक्वा, नाली और धार्मिक उद्देश्य के रूप में अंकित है। इसके अलावा इस भूमि का दाखिला 2004 में हुआ। 2005 को पारित तहसीलदार के एक आदेश में यह उल्लेखित किया गया कि संबंधित भूमि पर मस्जिद बनी हई है।
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ऐसे पैदा हुआ विवाद…..दरअसल उत्तरकाशी में पिछले कई दिनों से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी आंदोलित है। इस संगठन ने आरटीआइ के तहत जिला प्रशासन से मस्जिद को लेकर सूचना मांगी। जिसमें जिला प्रशासन की ओर से आधा अधूरी सूचना दी गई। इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से न तो जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई।
और न आरटीआइ की रिपोर्ट को संशोधित कर भेजा गया। संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की ओर से इस मामले में 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में हिंदू महा जनाका्रोश रैली की चेतावनी दी थी।
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उत्तरकाशी पुलिस ने स्पष्ट की स्थिति…..उत्तरकाशी पुलिस की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि दिनांक 24.10.2024 को हिंदू संगठन द्वारा जनपद मुख्यालय में निकाली गई जन आक्रोश रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों/भीड़ के द्वारा सिंगल तिराह पर लगाए गए बैरिकेटिंग्स को तोड़ते हुए पथराव किया गया। पथराव में पुलिस के 07 पुलिस अधिकारी/कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें गंभीर रूप से घायल 02 पुलिस जवान, इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह व कांस्टेबल अनिल सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से हायर सेंटर देहरादून के लिए रैफर कर दिया गया है। वहीं, विशेष समुदाय की ओर से पथराव को लेकर भी उत्तरकाशी पुलिस ने अफवाह का खंडन किया है। उत्तरकाशी पुलिस के आधिकारिक पेज पर जानकारी देते हुए बताया गया कि आज उत्तरकाशी मुख्यालय में हिंदू संगठन द्वारा निकाली गई जनाक्रोश रैली के दौरान किए गए पथराव के संबंध में कतिपय लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर फैलाई जा रही है कि विशेष समुदाय के लोगों द्वारा वहां पर पथराव किया गया है।जबकि हिंदू संगठन द्वारा रैली/जुलूस के लिए निर्धारित रूट का प्रयोग न करते हुए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेटिंग्स पर उन्हें रोकने पर प्रदर्शनकरियों/भीड़ के द्वारा पथराव/बोतलें फेंकी गई तथा बाद में कुछ लोगों के द्वारा
किनारे से अंबेडकर भवन के पीछे/ऊपर जाकर पथराव किया गया है, जिसमे पुलिस के कुछ अधिकारी/कर्मचारी घायल हुए है, जिनमें 02 गंभीर रूप से घायल पुलिस जवानों को एम्बुलेंस से हायर सेंटर देहरादून भेजा गया है।