हरिद्वार

स्मार्ट मीटर और बढ़ती बिजली दरों के खिलाफ “सुराज सेवादल ने खोला मोर्चा, देहरादून, हरिद्वार व हल्द्वानी में जोरदार प्रदर्शन..

यूपीसीएल में भारी भ्र्ष्टाचार का आरोप, एमडी अनिल यादव का पुतला फूंककर जताया रोष, बड़े आंदोलन की तैयारी..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगाने और लगातार बढ़ती बिजली दरों के खिलाफ सुराज सेवा दल ने मोर्चा खोल दिया है। राजधानी देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के प्रबंध निदेशक अनिल यादव का पुतला दहन कर यूपीसीएल में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी की।
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उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालने की तैयारी – सुराज सेवा दल……संगठन के अध्यक्ष रमेश जोशी ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर लगाने से आम उपभोक्ताओं को बड़ा नुकसान होगा और बिजली के दाम अनियंत्रित रूप से बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले उद्योगपतियों और बड़े कारखानों में स्मार्ट मीटर लगाए, फिर आम जनता पर इसे थोपने की सोचे। जोशी ने आगे कहा कि यूपीसीएल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। बिजली दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र है। उन्होंने आशंका जताई कि सरकार जल्द ही ऊर्जा विभाग को निजी कंपनियों के हाथों में सौंप देगी, जिससे बिजली दरें और अधिक बढ़ जाएंगी।
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गरीब और मध्यम वर्ग पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव…..प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार स्मार्ट मीटर लगाकर उपभोक्ताओं को महंगी बिजली देने की योजना बना रही है। सुराज सेवा दल के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार को स्मार्ट मीटर लगाने ही हैं, तो इसकी शुरुआत कारखानों और बड़े उद्योगपतियों से होनी चाहिए, न कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से।
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सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दर्ज कराई अपनी आवाज……प्रदर्शन के दौरान सुराज सेवा दल के कमल धामी, हिमांशु धामी, विजेंद्र कुणाल, कुर्बान मेहरबान, सैंडी अमन, संजय आरसी पाल, मा कावेरी, निधि वसीला, पूजा, नीतू, गीता ठाकुर, सुचेता अग्रवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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आंदोलन जारी रखने की चेतावनी…..सुराज सेवा दल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। संगठन ने बिजली दरों में हो रही वृद्धि को आम जनता के शोषण की नीति करार दिया और सरकार से पारदर्शिता की मांग की। प्रदेश में बिजली संकट और बढ़ती महंगाई के बीच यह विरोध प्रदर्शन आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

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