
पंच👊नामा-ब्यूरो
हादसे में घायल सिपाही राकेश राठौर की मौत के मामले में देहरादून के पुलिस कप्तान जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने चीता सिपाही रुसेंद्र सैनी को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर यह आरोप लगा था कि हादसे में घायल सिपाही की जान बचाने के बजाय चीता सिपाही वीडियो बनाने में लगा रहा। हालांकि वीडियो में सिपाही वीडियो बनाता कहीं नजर नहीं आ रहा है, मगर यह मामला इतना तूल पकड़ गया कि सिपाही को सस्पेंड करते हुए जांच बैठा दी गई।

दुखद यह है कि घायल सिपाही राकेश राठौर की मौत हो गई। वीडियो वायरल होने पर पुलिस अधिकारियों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।

इसका संज्ञान लेते हुए पुलिस कप्तान जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने सिपाही रुषेंद्र सैनी को सस्पेंड कर दिया है। सिपाही के साथ चीता पुलिस पर मौजूद रहे पीआरडी के जवान को मूल तैनाती पर भेज दिया गया है। वहीं, डीजीपी अशोक कुमार ने इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
सिपाही ने बयान की पूरी कहानी, आरोप नकारे,, सामने आया एक्सीडेंट का वीडियो…
भाइयों मैं कॉन्स्टेबल रूसेंद्र सैनी चौकी हर्रावाला में नियुक्त हूं आज दिनांक 27 जून 2022 को रात्रि के समय मैं चीता मोबाइल में हर्रावाला क्षेत्र में मामूर था तभी हररावाला निवासी श्री तोफैलखान जोकि 3:00 बजे मंडी में सब्जी लेने जाते हैं ने आवाज दी कि भाई जी सामने एक बाइक का एक्सीडेंट हो गया है यह घटना रात्रि के 2:25 की है और मैं व मेरा हमराही PRD श्याम दत्त तुरंत अपनी मोटरसाइकिल साइड में लगाकर रोड के दूसरी तरफ गए तो हमने देखा कि एक व्यक्ति डिवाइडर से टकराकर नीचे गिर रखा है हमने तुरंत उन्हें उठाने की कोशिश की वह उनके हालचाल जाना तो मैं यह देख कर हतप्रभ रह गया कि यह तो राकेश राठौर भाई है जो कि मेरे साथ थाना रायपुर में तैनात रहे है मैंने बहुत कोशिश की उन्हें होश में लाने की लेकिन वह उठ नहीं पा रहे थे मैंने उन्हें पूछा की भाई जी आप कहां से आ रहे हो तो उन्होंने दबी हुई हल्की आवाज में कहा कि घर से आ रहा हूं बस इतना कहने के बाद वह अपने होश में नहीं रहे उसके बाद मैंने तुरंत ही 108 को फोन किया मैंने तीन बार 108 से भाई का परिचय देकर जल्दी पहुंचने का आग्रह किया फिर मैंने चौकी निगरानी में नियुक्त उन्हीं के बैच के आरक्षी सुनील भाई जी को भी फोन कर मौके पर बुलाया तभी लगभग 15 16 मिनट बाद एंबुलेंस मौके पर आ गई मैंने व सुनील भाई ने उनको एंबुलेंस में लेटाया व 108 कर्मियों ने फर्स्ट एड दिया मैं स्वयं राकेश भाई को एंबुलेंस में लेकर कैलाश हॉस्पिटल जोगीवाला ले गया था वहां जाकर मैंने हॉस्पिटल स्टाफ डॉक्टरों से जल्दी ट्रीटमेंट करने की रिक्वेस्ट की राकेश भाई जी के बारे में बताया कि यह हमारे विभाग के हैं, ट्रीटमेंट के दौरान ही मेरे द्वारा भाई जी के परिजनों को भी सूचना दे दी गई थी, डॉक्टरों द्वारा ट्रीटमेंट व चेक किया गया उसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनकी डेथ हो गई है। होनी के आगे किसी की नहीं चलती है मैंने जितना प्रयास किया वह या तो ईश्वर ही जानता है या फिर मैं स्वयं, आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो में जोकि मैंने भी नहीं बनाई थी और उसमें आवाज भी मेरी नहीं है, मैं तो स्वयं चिंता मैं था और 108 को कॉल करने में व्यस्त था इस वीडियो की वजह से आप सभी लोग मुझे अलग अलग तरीके से गलत ठहरा रहे हैं पर भाइयों अपने दिल से पूछना कि क्या कोई अपने पुलिस परिवार के लिए और ऐसी संकट की घड़ी में कोई कमी कर सकता है नहीं भाइयों ऐसा मैं सोच भी नहीं सकता हूं हां साथ में एक अपरिपक्व नया पीआरडी था जिसके कारण मुझे इतना सुनने को मिला और बिना वजह पूरा दोषारोपण मेरे ऊपर किया जा रहा है। आम इंसान तो पुलिस पर पहले से ही आए दिन दोषारोपण करते रहते हैं लेकिन हम फोर्स के कुछ लोगों की मानसिकता भी कुछ वैसी ही है राकेश भाई जी के साथ रायपुर पोस्टिंग के दौरान उनका स्नेह मुझे मिला है ऐसे इंसान विरले ही पुलिस विभाग में होंगे। उनके जाने का गम पुलिस विभाग से लेकर आम जनमानस को भी है ,काश राकेश भाई जी आप जिंदा होते…. बाकी मुझे अपनी सफाई में और कुछ नहीं कहना है यदि किसी को ऐतराज है तो थोड़ी ही दूरी पर लगे सीसीटीवी फुटेज व हॉस्पिटल स्टाफ से जानकारी ले सकते है या इस घटना की जांच करवा सकते हैं मैंने यदि थोड़ी भी लापरवाही या अपने भाई के प्रति मानवता न दिखाए हो तो मैं सजा के लिए भी तैयार हूं