देहरादून

दबिश के दौरान पुलिसकर्मियों को पहननी होगी बुलेट प्रूफ जैकेट, असलहा कारतूस रखना ज़रूरी..

तीन साल में उत्तराखंड पुलिस पर 27 बार हुए हमले, पांच को लगी गोली, पीएचक्यू ने जारी किए कड़े निर्देश..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: दबिश के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले की लगातार सामने आ रही घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने जिले, एसटीएफ और जीआरपी सहित सभी विंग के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।

फाइल फोटो

दबिश के दौरान पुलिसकर्मियों को बुलेट प्रूफ जैकेट पहननी होगी। अपनी सुरक्षा के लिए असलहा कारतूस भी अनिवार्य रूप से रखना होगा। दबिश से पहले, दबिश के दौरान और दबिश के बाद क्या-क्या सावधानियां बरतनी है, इसको लेकर पीएचक्यू की तरफ से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

फाइल फोटो: एपी अंशुमान

उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान ने बताया कि पिछले 03 वर्षों में अपराधियों की तलाश, गिरफ्तारी व अन्य सरकारी कार्य के दौरान पुलिस पर फायरिंग की लगभग 27 घटनायें घटित हुई हैं। जिसमें 05 पुलिस कार्मिक चोटिल हुए हैं।

फाइल फोटो

बताया कि पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन पर दबिश/गिरफ्तारी के दौरान पुलिस टीम पर सम्भावित फायर/हमलों से बचाव के लिए समस्त जनपद, जीआरपी व एसटीएफ प्रभारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
—————————————-
सामान्य निर्देश…..

फाइल फोटो

1. पुलिस लाईन में आवश्यक उपकरण बुलेट प्रुफ जैकेट, अस्त्र/शस्त्र/बुलेट व प्रोटेक्टिव गेयर आदि पर्याप्त मात्रा में रखे जाएं।
2. पुलिस लाईन से जनपद के थानों में बुलेट प्रुफ जैकेट, अस्त्र/शस्त्र/बुलेट व प्रोटेक्टिव गेयर आदि उपकरण आवंटित किए जाएं।
3. उपरोक्त उपकरणों का पुलिस लाईन एवं थानों में समय-समय पर निरीक्षण किया जाये।
4. सभी अस्त्र/शस्त्र हैण्डलिंग का प्रशिक्षण पुलिस लाईन एवं थानों में नियुक्त कार्मिकों को नियमित रूप से दिया जाये तथा इसमें अच्छा हैण्डलिंग करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत किया जाये।
5. आवश्यक रूप से सभी कार्मिकों को वार्षिक फायरिंग भी करायी जाये।
6. पुलिस लाईन एवं थाना आदि में नियुक्त कार्मिकों के अनुशासन तथा शारीरिक एवं मानसिक स्वस्थता पर ध्यान दिया जाये।
—————————————-
दबिश से पहले की तैयारी……..

फाइल फोटो

1. अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिश से पूर्व पर्यवेक्षण अधिकारी सहित उच्चाधिकारियों को तत्काल सूचित किया जाये तथा आवश्यक पुलिस बल को Short Range/Long Range अस्लाहों और बुलेट प्रुफ जैकेट के साथ ही दबिश के लिए रवाना किया जाये। टीम में कम से कम 04 सदस्य आवश्यकतानुसार पुलिस उपाधीक्षक/निरीक्षक/उप निरीक्षक के नेतृत्व में रखे जाएं। जिनमें परिस्थिति के अनुसार वृद्धि की जाये।
2. दबिश में रवाना होने से पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाये कि अस्लहा व कारतूस कार्यशील स्थिति में हैं।
3. वांछित अपराधी के आपराधिक इतिहास के आधार पर पर्यवेक्षण अधिकारी स्तर से दबिश के लिये रवाना होने वाली टीम को अच्छी तरह से ब्रीफ किया जाये व कुशल/दक्ष कार्मिकों को ही टीम में सम्मिलित किया जाये।
4. यदि वांछित अपराधी की गिरफ्तारी के लिए अन्य थाना क्षेत्र में दबिश दी जानी हो तो सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी से भी समन्वय कर स्थानीय पुलिस की मद्द ली जाये।
5. गिरफ्तारी स्थल पर पहुंचने से पूर्व उसकी भौगोलिक स्थिति (Indoor/Outdoor)के अनुसार टीम लीडर द्वारा पूरी टीम को ब्रीफ कर दक्षता के अनुसार टास्क निर्धारित किया जाये।
6. गिरफ्तारी/दबिश टीम के सदस्यों तथा अस्त्र/शस्त्र/बुलेट का विस्तृत विवरण रोजनामचा आम (जी0डी0) में अंकित किया जाये।
7. दिन/रात्रि दबिश के अनुसार आवश्यक तैयारियां की जायें।
8. मोबाइल लोकेशन आदि के लिए एसओजी/एसटीएफ से तकनीकी सहायता के लिए समन्वय किया जाये तथा आवश्यकता वायरलैस सेट का भी उपयोग किया जाये।
—————————————-
“दबिश वाले स्थान पर कार्यवाही……

फाइल फोटो

1. दबिश पर अभियुक्त द्वारा हमला किये जाने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत पूर्ण सतर्कता बरती जाये व लीड मेम्बर की सपोर्टिंग के लिए अन्य टीम सदस्य भी पूरी तैयारी के साथ रहें।
2. विशेषकर आपराधिक इतिहास वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी टीम से जनपदीय पुलिस प्रभारी एवं अन्य जनपदीय अधिकारी लगातार सम्पर्क में रहकर आवश्यक निर्देश देते रहेंगे।
3. मौके पर टीम लीडर द्वारा वास्तविक भौगोलिक स्थिति का पुनः आंकलन कर Entry and Exit Points, Escape Routes को सुरक्षित कर टीम मेम्बर्स को उनके कार्य के सम्बन्ध में ब्रीफ किया जाये।
4. आवश्यकतानुसार अस्लाहों का प्रयोग किया जाये।
—————————————-
दबिश के बाद गिरफ्तारी/घटना पर कार्यवाही………
1. अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः पालन किया जाये।
2. पुलिस अथवा अभियुक्त के घायल होने पर उच्चाधिकारियों को तत्काल सूचित कर घायलों को मेडिकल सहायता के लिए रवाना किया जाये।
3. अभियुक्त के भागने की स्थिति में टीम लीडर तत्काल सर्व सम्बन्धित को सूचित कर कार्मिकों से अभियुक्त का पीछा कराये।
4. टीम लीडर अभियुक्त के भागने की सूचना कन्ट्रोल रूम को भी तत्काल देकर सम्बन्धित बैरियर्स पर Checking/Frisking कराये।
5. अभियुक्त व गिरफ्तारी स्थल के आस-पास की गहन तलाशी व्ययसायकि दक्षता से करायी जाये।
6. घटनास्थल को संरक्षित कर प्रदर्शों को टीम के सदस्यों से संकलित कराया जाये।
7. अभियुक्त की गिरफ्तारी पर नियमानुसार कारण गिरफ्तारी से अभियुक्त/परिजनों को सूचित कराया जाये और अभियुक्त का मेडिकल परीक्षण भी अवश्य कराया जाये।
8. आवश्यकतानुसार घटना के क्षेत्राधिकार वाले थाने पर नियमानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट भी अंकित कराई जाये।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान ने बताया कि भविष्य में किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!