
पंच👊नामा-पिरान कलियर: चुनावी मौसम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कोई विकास कार्यो का गुणगान कर रहा है तो कोई क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाकर अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में लगा है। पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुँचाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। 2022 विधानसभा चुनाव में जीत के लिए साम, दाम, दंड, भेद तमाम प्रक्रियाओं को अमल में लाया जाना भी शुरू हो चुका है।
इसी कड़ी में उत्तराखंड की पिरान कलियर विधानसभा सीट पर भी चुनावी अखाड़ा लगभग जम चुका है। कांग्रेस की ओर से सिटिंग विधायक हाजी फुरकान अहमद को ही प्रत्याशी बनाया गया जबकि बसपा ने सुरेंद्र सैनी पर दांव खेला है, अभी भाजपा ने इस सीट पर अपने पत्ते नही खोले है। इन्ही के बीच आम आदमी पार्टी ने ई. शादाब आलम को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। शादाब आलम लगातार जनता के बीच जा रहे है और पार्टी की नीतियों से अवगत करा रहे है। शादाब आलम बताते है कि पिरान कलियर विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है लेकिन बावजूद इसके जनप्रतिनिधियों और सरकारों की अनदेखी का शिकार ये तीर्थ स्थल मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहा है। शादाब आलम ने भाजपा के क्षेत्रीय सांसद पर हमला बोलते हुए कहा कि सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने इस क्षेत्र की जनता से छल किया है। यहां के सांसद होने के बावजूद क्षेत्र की अनदेखी और समस्याओं के प्रति निष्क्रियापन उन्हें और उनकी सरकार को भारी पड़ेगा। शादाब आलम ने बताया पिरान कलियर में पुल की समस्या से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा सेवाएं आमजनमानस पर भारी पड़ रही है। जनता काम करने वाले जनप्रतिनिधि की उम्मीद में राह तक रही थी, इस बार आम आदमी पार्टी ने जनता की मांग, और उनकी उम्मीदों को पूरा करने के इरादे से क्षमतावान प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। प्रत्याशी ई. शादाब आलम ने इन पंक्तियों के साथ “”ख़िदमत-ए-खल्क से होती है रज़ा ए खुदा हासिल.. इश्क अगर मखलूक से हो तो इबादत में शुमार होती है… कहते हुए कहा कि “ख़िदमते ख़ल्क” इस्लाम की मूल धारणा है जिसे रियाकारी, नफरत की सियासत और मौखिक इबादत ने इस धारणा को लुप्त कर दिया है। अपने स्वार्थ की राजनीति हो रही हैं, जबकि एक जनप्रतिनिधि को ख़िदमत-ए-खल्क के लिए राजनीति करनी चाहिए। शादाब आलम ने बताया राजनीति में आने का उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ ख़िदमत करना है।