
पंच👊🏻नामा ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: जिले में कई सालों से संगठन की कमजोरी से जूझ रही कांग्रेस हाइकमान ने हरिद्वार में देर से ही सही, काफी सोच समझकर जमीनी व अनुभवी नेताओं को कमान सौंपी है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी संत समाज से ताअल्लुक रखते हैं और शहर में उनका अपना जनाधार है। संगठन की जिम्मेदारी मिलने से गुटों में बंटे कार्यकर्ता सतपाल ब्रह्मचारी के नाम पर एकजुट होंगे और संगठन में जान नजर आएगी। इसी तरह युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुके राजीव चौधरी लगातार ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और युवाओं में उनकी खास पकड़ है। इसका लाभ कांग्रेस को मिलना तय है।
दूसरी तरफ रुड़की ग्रामीण में झबरेड़ा विधायक विरेंद्र जाति को जिम्मेदारी देकर हाइकमान ने युवा चेहरा संगठन में उतारा है। जिससे रुड़की देहात में भी कांग्रेस मजबूत होगी। सतपाल ब्रह्मचारी, राजीव चौधरी और विरेंद्र जाति के हाथ में संगठन की कमान आने से यह साफ है कि जिले में सत्ताधारी भाजपा को अब मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ेगा।
साल 2017 के बाद से प्रदेश में कांग्रेस लगातार विपक्ष में है। कुछ सीटों को छोड़ दें तो हरिद्वार जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन कुछ समय से कांग्रेस संगठन कमजोर हुआ है। विधानसभा चुनाव में भले ही पार्टी की सीटें बढ़ी हों, लेकिन मजबूत विपक्ष के तौर पर जनता की लड़ाई लड़ने में कांग्रेस पीछे रही है। कमजाेर संगठन का परिणाम हाल के जिला पंचायत चुनाव नतीजों के रूप में सामने आया। चार दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की भारत जोड़ो यात्रा में भी गुटबाजी का पूरा असर देखने को मिला। हाइकमान ने देर से ही सही, अनुभवी और जनाधार वाले नेताओं को संगठन में तवज्जो दी है।

नगर पालिकाध्यक्ष रहे सतपाल ब्रह्मचारी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और काफी लोकप्रिय हैं। आमजन में उनकी पहचान एक जननेता के रूप में होती है और धर्मनगरी के हर वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सतपाल ब्रह्मचारी को पसंद करने वाले गैर राजनीतिक लोगों की संख्या भी शहर में कम नहीं है।

कई मायनों में विरोधी दलों के नेता भी सतपाल ब्रह्मचारी का लोहा मानते हैं। इन सारे गुणा भाग को देखते हुए मौजूदा हालात में हरिद्वार शहरी क्षेत्र में कांग्रेस के लिए सतपाल ब्रह्मचारी से ज्यादा मुफीद चेहरा कोई नहीं हो सकता था। “वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल व आदेश त्यागी” भी यह स्वीकार करते हैं कि सतपाल ब्रह्मचारी को संगठन की कमान सौंपने से धर्मनगरी में कांग्रेस को संजीवनी मिलेगी। कार्यकर्ता एकजुट होंगे और जनता की लड़ाई लड़ने से आमजन में भी विपक्ष के प्रति विश्वास बढ़ेगा।

इसी तरह युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष रहने के दौरान राजीव चौधरी ने अपनी पहचान तेज तर्रार और जनता की लड़ाई लड़ने वाले नेता के रूप बनाई। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में राजीव चौधरी ने काफी काम किया है। बीते चुनाव में वह हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। युवा और किसानों में उनकी गहरी पैठ है। राजीव चौधरी की सक्रियता का लाभ बीते विधानसभा चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कांग्रेस को मिला है। जिला पंचायत चुनाव में भी कई सीटों पर जीत दिलाते हुए राजीव ने खुद को साबित किया। इसलिए राजीव की ताजपोशी का लाभ भी संगठन के रूप में भी अब कांग्रेस को मिलेगा।

भाजपा से झबरेड़ा सीट छीनकर विरेंद्र जाति अपना वजूद साबित कर चुके हैं। देहात में कांग्रेस को ऐसे ही साफ और युवा चेहरे की जरूरत थी। हाइकमान को उम्मीद है कि देहात में इससे कांग्रेस का जनाधार बढ़ेगा।