अंतरराष्ट्रीय साहित्य कविता प्रतियोगिता में “भुलक्कड़” ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन..
मातृभाषा काव्य रत्न मानद उपाधि से नवाजे जाएंगे उत्तराखंड के चार रचनाकार...

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संस्था शब्द प्रतिभा बहू क्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा कविता प्रतियोगिता की चयनित 145 कवियों की सूची में उत्तराखंड के चार कवियों ने स्थान प्राप्त किया है। अपने अपने देश की मातृभाषा की उन्नति और प्रचार प्रसार के लिए आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, लंदन, पेंसिलवानिया सहित देश के कुल 232 महिला एवं 168 पुरुष रचनाकारों ने सहभागिता की थी।

कुल 400 रचनाकारों में से 145 रचनाकारों की रचनाएं अपने-अपने देश की व्याकरण मानकों के अनुरूप मिली, उत्कर्ष रचनाओं के रचनाकारों को मातृभाषा काव्य रत्न मानद उपाधि सम्मान दिया गया है, जिसमें उत्तराखंड के चार कवियों के नाम चयनित किए गए हैं। सूची के अनुसार गांव नसीरपुर कला हरिद्वार निवासी पंडित पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ ने नौवां स्थान प्राप्त किया है, वही अल्मोड़ा के ललित मोहन जोशी को 84 व स्थान और नैनीताल निवासी डॉक्टर शशी जोशी शशि को 93 व वह अशोक पाल सिंह हरिद्वार को 124 वा स्थान मिला है।

संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने सभी सम्मान पाने वाले रचनाकारों को बधाई देते हुए बताया की 7 महीने तक चली इस कविता प्रतियोगिता में देश-विदेश से 400 रचनाकारों ने भाग लिया है। जिसमें 145 कवियों के नाम का चयन करते हुए मातृभाषा काव्य रत्न मानद उपाधि सम्मान दिया गया है। उन्होंने बताया 21 फरवरी को नेपाल में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी देशों से चयनित 50 रचनाकारों को नोबेल टैलेंट इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा जाएगा।
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शब्द शब्द दर्पण साहित्यिक समूह ने भी भुलक्कड़ को दिया साहित्य रत्न सम्मान….
हरिद्वार: समाज सेवा और पत्रकारिता के साथ-साथ साहित्यिक सेवा की पहचान बन रहे पथरी क्षेत्र के गांव नसीरपुर कला निवासी पंडित पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ को अलीगढ़ उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था “शब्द शब्द दर्पण साहित्यिक समूह” ने भी उनके साहित्यिक सेवा के लिए साहित्य रत्न सम्मान से नवाजा है। इस संस्था ने पिछले वर्ष भी “सावन की फुवारे” पुस्तक में सावन की बिरह वेदना शीर्षक से लिखी गई कविताओं को जीवन परिचय सहित स्थान दिया था, जिसके लिए उन्हें उनकी उत्कृष्ट रचनाओं को देखते हुए उन्हें काव्य शिरोमणि सम्मान से नवाजा था। हाल ही में प्रकाशित हुई “मेरे राम आए हैं” पुस्तक में श्री राम पर गीत भी लिखा है जिसे भरतपुर राजस्थान के महेंद्र अंगिरा ने संगीत देते हुए अपनी आवाज दी है।

काव्य के क्षेत्र में पंडित पुष्पराज धीमान को एक दर्जन से भी अधिक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने उन्हें सम्मान एवं प्रशंसा पत्र दिए हैं। उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर काव्य महोत्सव की शान बढ़ाने वाले भुलक्कड़ का कुछ दिन पहले अंबेडकर पोयट्री मंच उत्तर प्रदेश के एक यूट्यूब चैनल द्वारा उनका साक्षात्कार भी लिया था। 54 वर्षीय धीमान साहित्यिक सेवा और पत्रकारिता में ही नहीं बल्कि सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बन चुके हैं। सामाजिक संस्थाओं में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए श्री धीमान वर्तमान में भी श्री विश्वकर्मा प्राचीन मंदिर समिति सती घाट कनखल के कार्यकारी अध्यक्ष और अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष का पद के साथ-साथ अपना पैतृक व्यवसाय व्यवसाय संभाल रहे है।