
पंच👊नामा-ब्यूरो, हरिद्वार: जमीन को गैर कृषि घोषित करने के लिए एसडीएम कोर्ट का फर्जी आदेश बना दिया गया। जानकारी मिलने पर एसडीएम कार्यालय के अभिलेखों से आदेश का मिलान किया गया तो गोलमाल पकड़ में आया।

फर्जी आदेश बनाकर उस पर एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिए गए। जिससे हड़कंप मच गया। एसडीएम कार्यालय की ओर से सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक, एसडीएम कार्यालय को जानकारी मिली कि सहायक कलेक्टर कोर्ट में मोनू कुमार निवासी ग्राम फेरूपुर रामखेड़ा बनाम सरकार मामले में जमीन को अकृषित भूमि घोषित किए जाने के सम्बन्ध में जारी आदेश पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार के हस्ताक्षर बनाए गए हैं।

जिस पर एसडीएम अजय वीर सिंह ने जांच के निर्देश दिए। आदेश का कार्यालय के अभिलेखों और रजिस्टर में मिलान कराया गया तो वह फर्जी निकला। पता चला कि ऐसा कोई आदेश न्यायालय सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी व उप जिलाधिकारी हरिद्वार से जारी ही नहीं हुआ। प्रथम दृष्टया यह आदेश फर्जी तरीके से कूटरचित कर बनाया गया है। जिस पर उप जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। तब एसडीएम अजय वीर सिंह ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।

सिडकुल थानाध्यक्ष मनोहर भंडारी ने बताया कि आरोपित मोनू कुमार निवासी फेरुपुर रामखेड़ा पथरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

किसी भी कृषि भूमि को गैर कृषि घोषित करने के पीछे उसका व्यावसायिक इस्तेमाल करने का उद्देश्य होता है। अमूमन ऐसे आदेश का इस्तेमाल तहसील और हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण में होता है। ऐसा बताया गया है कि इस फर्जी आदेश का इस्तेमाल भी तहसील व एचआरडीए में होना था। हालांकि इससे पहले ही मामला पकड़ में आ गया। एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि फर्जी आदेश के संबंध में सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी गई है।