उत्तराखंडहरिद्वार

भर्ती ही नहीं, भुगतान में भी भ्रष्टाचार, “पत्नी सहित धरने पर बैठेंगे “सीएम के पूर्व सुरक्षा अधिकारी..

दो साल से जीपीएफ के लिए भटक रहे सीएम त्रिवेंद्र रावत के चीफ सिक्योरिटी अफसर रहे रिटायर्ड सीओ..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड में सरकारी नौकरी के लिए भर्ती प्रक्रिया में ही भ्रष्टाचार नहीं है, रिटायर्ड होने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी को होने वाला भुगतान भी भ्रष्टाचार और लालफीताशाही से जकड़ा हुआ है। इसका ताजा उदाहरण तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चीफ सिक्योरिटी आफिसर रहे रिटायर्ड सीओ संजय विश्नोई के साथ पेश आया है।

फाइल फोटो: रिटायर्ड सीओ संजय विश्नोई

रिटायर्डमेंट के दो साल बाद भी जीपीएफ का भुगतान न होने पर उन्हें पत्नी सहित धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भ्रष्टाचार की हद यह है कि उत्तर प्रदेश से डिमांड ड्राफ्ट भेजने के बावजूद महालेखाकार कार्यालय देहरादून उसे दबाए बैठा है। इतना ही नहीं, उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण का दरवाजा खटखटाया। लेकिन अधिकरण के आदेशों को भी ठेंगे पर रख दिया गया है। रिटायर्ड अफसर ने 26 सितंबर को पत्नी सहित एजी कार्यालय पर धरने पर बैठने का ऐलान किया है। पेपर लीक कांड, विधानसभा भर्ती घोटाले जैसे चर्चित मामलों के बीच अब इस प्रकरण से उत्तराखंड में सिस्टम के भीतर रच और बस चुके भ्रष्टाचार की ला-इलाज बीमारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।31 दिसंबर 2020 को पुलिस उपाधीक्षक हरिद्वार के पद से रिटायर्ड हुए साहिबाबाद मोहननगर गाजियाबाद निवासी संजय विश्नोई तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं। रिटायर्डमेंट के तीन माह के भीतर महालेखाकार कार्यालय देहरादून को उनके जीपीएफ का भुगतान करना था। लेकिन कई महीने बाद उन्हें बताया गया कि देयक का भुगतान उत्तर प्रदेश को करना है। इस पर रिटायर्ड सीओ संजय विश्नोई ने महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश से जीपीएफ मांगा। वहां से जानकारी मिली कि उत्तराखंड को भुगतान किया जा चुका है। संजय विश्नोई ने फिर देहरादून पहुंचकर जानकारी जुटाई तो बताया कि भुगतान अधूरा किया गया है। लगभग डेढ़ साल तक उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के बीच चक्कर काटकर परेशान होने के बाद रिटायर्ड सीओ संजय विश्नोई ने उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण का दरवाजा खटखटाया। जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने समय से भुगतान के आदेश दिए। रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक संजय विश्नोई ने बताया कि जुलाई 2022 में महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश से 7.36 लाख रुपये का भुगतान उत्तराखंड को कर दिया गया। लेकिन विभाग अभी तक भुगतान करने को तैयार नहीं है। अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार से क्षुब्ध रिटायर्ड सीओ संजय विश्नोई ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के चलते भुगतान में देर की जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो 26 सितंबर को वह अपनी पत्नी सहित महालेखाकार कार्यालय देहरादून में धरने पर बैठेंगे। ऐसे में सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के चीफ सिक्योरिटी अफसर रहे रिटायर्ड अधिकारी को जब अपना हक लेने के लिए इस कदर परेशान होना पड़ रहा है तो एक आम कर्मचारी को क्या-क्या नहीं सहना पड़ता होगा।

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