
पंच👊नामा-रुड़की: हर शिक्षक ये चाहता है कि उसका शिष्य जीवन में तरक्की हासिल करे और उसका भविष्य उज्जवल हो। लेकिन शिक्षानगरी रुड़की से सटे कस्बा मंगलौर में एक शिक्षिका ने छात्रा का भविष्य अंधकारमय करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिक्षिका ने स्कूल की टीसी पर जो टिप्पणी की है, उसको लेकर गुरु शिष्य की मर्यादा को लेकर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर ऐसी भी क्या नाराजगी की छात्रा पर राजनीतिक हंगामा और खुद के अपमान का आरोप लगाते हुए उसकी टीसी पर ही टिप्पणी अंकित कर डाली। जिससे छात्रा को शायद ही कोई स्कूल अपने यहां दाखिला देने को तैयार होगा। ऐसे में क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान साकार होगा।
दरअसल कस्बा मंगलौर के राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विधायल की ओर से दो छात्राओं को 10 वी कक्षा पास करने के बाद टीसी जारी की गई है। बड़ी बात ये है कि छात्राओं की टीसी पर प्रिंसिपल मैडम ने ऐसी टिप्पणी की है जिससे छात्राओं का भविष्य अंधकारमय होता दिखाई दे रहा है। प्रिंसिपल की ओर से जारी टीसी पर लिखा गया है कि “राजनीतिक हंगामा करना, प्रधानाध्यापिका का अपमान, विभागीय आदेशो की अवहेलना व झूठे दोषारोपण” लिखकर टीसी दी गई है।
जबकि दूसरी टीसी पर “राजनीतिक प्रदर्शन, असंतोषजनक व्यवहार,, अंकित किया गया है। ऐसे में दोनो छात्राओं का भविष्य डगमगाना लाजमी है। छात्रा का कहना है कि विभाग की ओर से दो बार उन्हें स्कॉलरशिप दी गई थी, जो विभागीय गलती थी, एक स्कॉलरशिप प्रिंसिपल मैडम उनसे मांग रही थी, जिसे उन्होंने देने से मना कर दिया और विभाग को लौटाने की बात कही, बाद में उन्होंने एक स्कॉलरशिप रिटन भी कर दी। बस इसी बात से खफा होकर प्रिंसिपल मैडम ने ऐसा किया है। छात्राओं का कहना है कि उनके आचरण पर सवाल उठाए गए है जिसको लेकर कोई भी स्कूल उन्हें आगे एडमिशन नही दे रहा। सूत्र बताते है कि इसी बच्ची ने स्कूल की अव्यवस्थाओं की पोल मीडिया के सामने खोली थी, और मीडियाकर्मियों को बाइट देकर प्रिंसिपल मैडम की कारगुजारी भी बताई थी, जिसको लेकर भी कही ना कही अध्यापिका छात्राओं से रंजिश रखती थी। बहरहाल एक अध्यापिका को बच्चो के भविष्य की चिंता होनी चाहिए, न कि उसका भविष्य बर्बाद करने की। टीसी पर अंकित टिप्पणी अध्यापिका की सोच को बयां करती है।
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क्या कहते है क्षेत्रीय विधायक….
मंगलौर विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है, जब क्षेत्रीय लोग इस समस्या को लेकर उनके पास आए थे तो उन्होंने प्रिंसिपल मैडम से भी बात की थी, और जवाब मांगा था, लेकिन वह कोई संतुष्ट जवाब नही दे पाई थी, जिसके बाद उच्चाधिकारियों को शिकायत की गई है। ऐसी अध्यापिका पर कार्रवाई होना जरूरी है, यदि विभाग ने जल्द ही कोई एक्शन नही लिया तो शासन स्तर अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।