आईपीएस तृप्ति भट्ट ने ‘गोद’ लिया श्री बद्रीनाथ थाना, पुलिसिंग में नए आयाम की शुरुआत..
2017 में आईपीएस तृप्ति भट्ट का पहला तैनाती स्थल रहा है बद्रीनाथ, एटीएस को किया ब्रीफ..

पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड में पुलिसिंग को जमीनी स्तर से बदलने की शुरुआत हुई है। इस दिशा में एक अनूठी पहल के तहत 40वीं वाहिनी की सेनानायक और उत्तराखंड जीआरपी की एसएसपी तृप्ति भट्ट ने बद्रीनाथ थाना को ‘गोद’ लेकर इसे आदर्श थाना बनाने की कमान संभाली है।
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पहली पोस्टिंग, अब पहला मॉडल….आईपीएस तृप्ति भट्ट के लिए बद्रीनाथ सिर्फ एक ड्यूटी स्टेशन नहीं, करियर की बुनियाद है। 2017 में बतौर एसपी यहीं से शुरुआत हुई थी।
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थाने का गहन निरीक्षण, चेकलिस्ट से स्कैनिंग….कोतवाली का हर कोना देखा गया — बैरक, ऑफिस, टॉयलेट, ड्यूटी चार्ट, क्राइम ग्राफ, लोकल शिकायतें… कोई पहलू नजरअंदाज नहीं। चेकलिस्ट हाथ में थी और नजरें हर कमज़ोरी पर।
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एटीएस को टास्क, सुरक्षा प्लान एक्शन मोड में……बद्रीनाथ धाम की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए मंदिर क्षेत्र में तैनात ATS को ब्रीफ किया गया। भीड़ वाले पॉइंट्स पर सख्त चेकिंग, स्थानीय इंटेल बढ़ाने और संयुक्त ऑपरेशन की प्लानिंग तेज़ हो चुकी है। उन्होंने एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) के जवानों को दिशा-निर्देश दिए और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतत चैकिंग-फ्रिस्किंग, अभिसूचना संग्रह और सत्यापन को तेज करने के निर्देश दिए।
महिलाओं, बुजुर्गों, बीमार और दिव्यांगों को विशेष प्राथमिकता देने के साथ ही दर्शन के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि “आदर्श थाना सिर्फ इमारत से नहीं, सोच से बनता है। पुलिस को जनता से जुड़ना होगा, तभी भरोसा बनेगा।
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डिजिटल पुलिसिंग की मिसाल पहले ही दे चुकीं…….तृप्ति भट्ट का रिकॉर्ड खुद बयान करता है। उत्तराखंड का पहला वर्चुअल थाना उन्हीं की सोच का नतीजा था। अब इरादा उस सोच को नए लेवल पर ले जाने का है। यह पहल न केवल पुलिस कार्यप्रणाली में सुधार लाएगी, बल्कि स्थानीय जनता और तीर्थ यात्रियों को भी बेहतर सुरक्षा और सेवा उपलब्ध कराएगी।
IPS तृप्ति भट्ट की यह सक्रियता पुलिसिंग में नई ऊर्जा का संचार करती है और पूरे राज्य में अन्य थानों के लिए उदाहरण बनेगी। सरकारी मुहिम नहीं, जमीनी बदलाव है। ये सीएम पुष्कर सिंह धामी के विजन से प्रेरित इस पहल में हर IPS अफसर को अपने पहले तैनाती स्थल पर लौटकर उसे मॉडल बनाना है।