अपराधहरिद्वार

जिसे ढूंढ रही थी पुलिस, उसने भीड़ में कप्तान संग खिंचाया फोटो..

गलत नियत से फोटो कर प्रचारित करते पर खुला राज, एसएसपी ने गिरफ्तारी पर रखा 10 हजार का इनाम, छपास रोगियों को दी चेतावनी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा। नशे के एक धंधेबाज ने इस कहावत को चरितार्थ करते हुए पुलिस को चुनौती दे डाली। दरअसल, एनडीपीएस के मामले पर आरोपी के खिलाफ जनवरी महीने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस बीच उसने किसी कार्यक्रम में एसएसपी अजय सिंह के नज़र आने पर भीड़ का फायदा उठाकर फोटो खिंचाई।

बाद में इसे अपने बचाव में इस तरीके से प्रचारित किया कि पुलिस को लगे कि आरोपी एसएसपी का परिचित है। मामला एसएसपी अजय सिंह के संज्ञान में आते ही उन्होंने चालबाज आरोपी पर शिकंजा कस दिया।

आरोपी…

कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेने के बाद उसकी गिरफ्तारी पर एसएसपी ने 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया। साथ ही पुलिस को जल्द से जल्द उसकी धरपकड़ के निर्देश दिए। इतना ही नहीं, अपनी नजदीकी दिखाने के लिए फोटो खींचा कर सोशल मीडिया पर डालने वाले छपास रोगियों को भी एसएसपी ने चेतावनी दी है।
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फाइल फोटो

फरार चल रहा सलमान….
भीड़ का फायदा उठाकर एसएसपी के साथ फोटो खिंचाने वाला सलमान निवासी पीरपुरा मंगलौर के खिलाफ बीते जनवरी माह में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसएसपी अजय सिंह ने सलमान की गिरफ्तारी पर दस हजार का इनाम घोषित करते हुए इस प्रकार के असामाजिक सभी लोगों को स्पष्ट संदेश दिया है जो सोचते हैं कि भीड़ का फायदा उठाकर वह अधिकारी संग फोटो खिंचा लेंगे और आम जनता को धोखे में डालेंगे। एसएसपी ने सलमान पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई व उसकी कुंडली खंगालने के लिए कोतवाली मंगलौर को निर्देशित किया गया है। अब पुलिस शिद्दत से आरोपी की तलाश में जुट गई है
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सांकेतिक फोटो

अचानक बढ़ जाती है गुलदस्तेबाजों की भीड़…….

जनपद में जब भी नये विभागाध्यक्ष/मुखिया का आगमन होता है तो बधाई शुभकामना संदेश दिया जाता है। अगर अधिकारी की आम शोहरत बेहतर हो तो बड़ी संख्या में लोग शिष्टाचार भेंट में फूलों का गुलदस्ता आदि लेकर फोटो खिंचवाने पहुंचते हैं। जिले में एसएसपी अजय सिंह के आने के बाद उनकी लोकप्रियता के चलते ऐसे तत्वों की संख्या 4 गुना बढ़ी है।
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सांकेतिक फोटो

अधिकारियों को भी लेना चाहिए सबक….
हर किसी के साथ फोटो खींचा ने से अधिकारियों को भी परहेज करना चाहिए। हालांकि ताजा घटना में आरोपी कोई बहुत बड़ा अपराधी नहीं है, लेकिन भीड़ में जिस तरीके से लोग फोटो खिंचवाने के लिए टूटते हैं और अधिकारी भी रामू, श्यामू, दीपू, सोनू को तवज्जो देते हैं, उससे कोई शातिर अपराधी भी गलत फायदा उठा सकता है इसलिए अधिकारियों को भी इससे सबक हासिल करना चाहिए।


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