धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर फिर से लगवाने की मांग..
हाइकोर्ट के आदेश पर ली गई थी परमिशन, पुलिस ने उतरवाए लाउडस्पीकर, डीएम-एसएसपी से की शिकायत..

पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
नितिन गुड्डू, हरिद्वार: ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए धर्मस्थलों से उतरवाए गए लाउडस्पीकर फिर से लगवाने की मांग जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की गई है।

जिसमें पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर जब परमिशन ली गई थी, तो लाउडस्पीकर उतरवाने का क्या औचित्य है।

जबकि, माह ए रमज़ान के चलते हो रही परेशानी को देखते हुए उलेमा भी इस मामले को लेकर आला अधिकारियों से मिलने की तैयारी में हैं। पथरी क्षेत्र के घिस्सपुरा निवासी शिकायतकर्ता मुस्तफा का कहना है कि हाइकोर्ट के आदेश पर अनुमति लेकर ही धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर लगाए गए थे।

जिसमें आवाज का लेवल भी 55 डेसिबल तय किया गया था। आरोप लगाया कि इसके बावजूद पथरी पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए लाउडस्पीकर उतरवा दिए।

बताया गया कि रमजान के महीने में रोजा इफ्तार व सहरी के समय का ऐलान मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से किया जाता है, लाउडस्पीकर उतरवाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिलाधिकारी, एसएसपी व एसडीएम को लिखित शिकायत देते हुए अनुमति के आधार पर मानको के अनुरूप लाउडस्पीकर लगवाने की मांग की गई हैं।

वहीं, जमीयत उलेमा ए हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस मामले को लेकर जिलाधिकारी और एसएसपी से मिलने की तैयारी में है। जमीयत के सदर मौलाना आरिफ कासमी ने बताया कि इस बारे में जल्द ही मशविरा कर फैसला लिया जाएगा।