
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: एक कहावत है कि पुलिस अगर अपनी जिद पर आ जाए तो मुर्दा भी गवाही देने लगता है। 56 बीघा जमीन मामले में जेल भेजे गए यशपाल तोमर केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। उत्तराखंड एसटीएफ की पड़ताल में यशपाल तोमर का एक पुराना कारनामा उजागर होने के बाद पुलिस दिल्ली से एक गढ़े मुर्दे को पकड़कर हरिद्वार ले आई। दरअसल, 20 साल पहले मुठभेड़ के दौरान पकड़ी गई कार छुड़ाने के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले यशपाल तोमर के एक सहयोगी को हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का असली नाम सुरेंद्र कुमार निवासी नानकहेड़ी दिल्ली है। जांच में सामने आया है कि यशपाल तोमर के कहने पर उसने मुकेश बनकर कार रिलीज कराई थी। आरोपित को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है।
उत्तराखंड एसटीएफ ने 56 बीघा जमीन से जुड़े धमकी के मामले में जनवरी माह में बागपत के भूमाफिया यशपाल तोमर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बीते अप्रैल में एसटीएफ को पता चला कि 20 वर्ष पूर्व मुठभेड़ में यशपाल व उसके तीन चार साथियों को हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उनसे बरामद असलहा व एक मारुति कार को सीज कर दिया गया था। बताया कि कार पर जो नंबर दर्ज था, यह नंबर एक दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ था। जमानत पर छूटने के बाद शातिर यशपाल तोमर ने कार को छुड़ाने के लिए योजना बनाते हुए कोर्ट में मुकेश निवासी रेलवे रोड रोहतक हरियाणा के नाम से फर्जी व्यक्ति को पेश किया और वाहन रिलीज करा लिया। यह भी पता चला कि यह कार वर्ष 2001 में कार सिटी कोतवाली उस वक्त गुड़गांव हरियाणा से चोरी हुई थी, जिसके मालिक संदीप रैना ने इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया था। एसटीएफ के एसआइ यादवेंद्र बाजवा की तरफ से यशपाल व उस समय वाहन स्वामी बनकर कोर्ट में पेश होने वाले व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की छानबीन करते हुए शहर कोतवाली की एक पुलिस टीम ने गाड़ी मालिक मुकेश बनकर कोर्ट से कार रिलीज कराने वाले सुरेंद्र कुमार नानकहेड़ी दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया है। शहर कोतवाल राकेंद्र कठैत ने बताया कि इस केस में कुछ और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।