कार्ड देकर बुलाया, पर बारात में नहीं ले गया दूल्हा, बाराती ने ठोका 50 लाख का दावा..
टाइम से पहले ही बारात ले जाने पर दोस्त को उठानी पड़ी मानसिक प्रताड़ना..

पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: कार्ड देकर शादी में बुलाने के बावजूद बारात में ना ले जाने पर एक दोस्त ने दूसरे दोस्त पर 50 लाख रुपए का दावा ठोक दिया है। सुनने में यह बात अजीब जरूर है लेकिन है सौ फ़ीसदी सच। आरोप है कि दूल्हा कार्ड में दिए गए समय से पहले ही बारात लेकर चला गया। दोस्त और अन्य बाराती जब तैयार होकर पहुंचे तो बारात रवाना हो चुकी थी। दोस्त ने दूल्हा से फोन पर भी बात की तो उसने अपनी गलती मानने के बजाय कहा कि अब वापस चले जाओ। मौके पर खड़े बारातियों ने शादी के कार्ड बांटने वाले दोस्त को खरी-खोटी सुनाई। यह बात दोस्त के दिल पर लग गई और उसे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। दोस्त ने अब अपने अधिवक्ता अरुण भदौरिया के माध्यम से दूल्हा को नोटिस भेजकर 3 दिन के भीतर माफी मांगने और हर्जाने के तौर पर 50 लाख रुपए देने की मांग की है। ऐसा ना होने पर कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है।

अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने बताया कि रवि पुत्र वीरेंद्र निवासी आराध्या कॉलोनी बहादराबाद की शादी अंजू पुत्री रामकृपाल निवासी धामपुर जिला बिजनौर के साथ 23 जून 2022 में होनी तय हुई थी। दूल्हा रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर पुत्र स्वर्गीय मुसद्दीलाल निवासी देवनगर कनखल को एक लिस्ट बनाकर दी कि वह शादी के कार्ड बांटेगा। रवि के कहने पर चंद्रशेखर ने मोना, काका ,सोनू, कन्हैया, छोटू ,आकाश आदि इन सभी लोगों को कार्ड बांटे और यह आग्रह किया कि आप लोग 23 जून 2022 की शाम 5:00 बजे शादी के लिए अपनी सुविधा अनुसार वाहन में चलने के लिए तैयार रहना है और चलना है। यह सभी लोग चंद्रशेखर के साथ शाम को 4:50 पर निर्धारित जगह पर पहुंच गए। लेकिन वहां जाकर पता चला की बारात निकल चुकी है। जिस पर चंद्रशेखर ने रवि से जानकारी ली तो रवि ने बताया कि हम लोग जा चुके हैं और आप लोग वापस चले जाओ। चंद्रशेखर का कहना है कि उसके कहने पर जो लोग शादी में जाने के लिए आए हुए थे, उन सभी लोगों को दुख पहुंचा और उन सभी ने चंद्रशेखर को अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना पहुंचाई। चंद्रशेखर की छवि को खराब किया और भविष्य के लिए मतलब वास्ता खत्म करने के लिए चेतावनी दी। जिसके लिए जानबूझकर रवि ने चंद्रशेखर की मानहानि की। इस संबंध में चंद्रशेखर ने रवि को फोन पर भी मानहानि के संबंध में सूचना दी। लेकिन उसने ना तो कोई खेद प्रकट किया ना ही कोई क्षमा याचना की।

जिस पर चंद्रशेखर ने अपने एडवोकेट अरुण भदोरिया के माध्यम से एक कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है कि 3 दिन के अंदर मानहानि की बाबत सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें और की गई मानहानि की बाबत चंद्रशेखर को 50 लाख दिया जाना सुनिश्चित करें। यदि अनुपालन नहीं किया गया तो सक्षम न्यायालय में सक्षम वाद दायर किया जाएगा।