
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर के सराय क्षेत्र में दिनदहाड़े एक बच्चे का अपहरण होने की सूचना से पुलिस में हड़कंप मच गया। बच्चे को उठाकर भागने का पूरा वाक्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। पुलिस ने चेकिंग करते हुए पूरी घटना की छानबीन की तो पति पत्नी के बीच का विवाद निकल कर सामने आया। पता चला कि बच्चे की मां और उसके भाई ही जबरन उसे उठाकर ले गए थे।

विवाद सामने आने पर पुलिस कप्तान अजय सिंह के निर्देश पर

सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल और कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर सुलह का प्रयास किया तो दोनों ही पक्ष गिले-शिकवे भूलकर बच्चों के भविष्य की खातिर एक होने पर राजी हो गए। इस तरह पुलिस ने ना सिर्फ अपहरण की सूचना का पटाक्षेप किया बल्कि मानवीय पहल करते हुए 3 साल से अलग रह रहे पति पत्नी को भी फिर से एक होने की राह पर ला दिया।
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पूरी तैयारी के साथ उठाया था बालक…
एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार की शाम सराय गाँव से एक सात साल के बच्चे के अपहरण करने की सूचना मिली थी। पुलिस टीम ने लगातार भागादौड़ के पश्चात आखिरकार प्रकरण की सच्चाई को जनता के सामने लाने में कामयाबी हासिल की। दरअसल, सीसीटीवी फ़ुटेज में दो अपाचे बाइक सवार युवक बीच में बच्चे को घर के बाहर से उठाकर ले जाते दिखाई दिए। जिनके साथ दो महिलाएं भी थी। इसके अलावा अपहरणकर्ता सफ़ेद रंग की स्कोर्पीओ का भी प्रयोग क़र रहे थे जिसका रेजिस्ट्रेशन नम्बर पुलिस ने अन्य CCTV कैमरों से हासिल कर कंट्रोल रूम को सूचना फ़्लैश कर दी। रुड़की की तरफ़ जाती दिखी स्कॉर्पियो की तलाश के लिए की गई चैकिंग आखिरकार काम आई। दबाव में महिला बच्चे को लेकर भगवानपुर स्थित चौकी मंडावर पहुंची।
महिला ने अपना नाम तरन्नुम पुत्री इरफान निवासी चोली भगवानपुर बताया। खुद को बच्चे की मां बताते हुए जानकारी दी कि बच्चे के पिता अब्दुल क़ादिर निवासी सराय से उसका निकाह 8 साल पहले हुआ था। 03 साल से पति पत्नी आपसी मनमुटाव के कारण अलग रह थे। तरन्नुम ने बच्चे की सुपुर्दगी के लिए परिवार न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन था। अपने बच्चे से दूर न रह पाने के कारण मजबूरन तरन्नुम ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर बच्चे को ससुराल स्थित घर के बाहर से उठा लिया।
महिलाओं ओर बच्चों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील एसएसपी अजय सिंह ने सीओ ज्वालापुर निहारीका सेमवाल को फ़ोन के माध्यम से इस मामले के मानवीय हल के निर्देश दिए।
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पुलिस की कवायद लाई रंग, एक हुए पति-पत्नी
ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने दोनो पक्षों को बुलाकर बच्चे के भविष्य के लिए दोनो को एक साथ रहने के लिए प्रेरित किया और दोनों पति-पत्नी को अलग कमरे में बात करने का अवसर दिया।
आखिरकार दोनो ने भावुक होकर अपनी-अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में एक साथ रहने का निर्णय लिया। एक महीने बाद तरन्नुम विधिवत बच्चे के साथ ससुराल वापस आ जाएगी और इसके बाद दोनो के आपसी व्यवहार का मूल्यांकन ओर काउन्सलिंग ज्वालापुर थाने की महिला हेल्प डेस्क प्रति सप्ताह उनके घर जाकर करेगी। बिना कानूनी कार्यवाही मानवीय संवेदनाओं को अहमियत देते हुए बिछड़े जोडे और परेशान हो रहे बच्चे के लिए सर्वोत्तम मार्ग खोजने पर दोनों परिवारों ने हरिद्वार पुलिस का आभार प्रकट किया। थाने पर उपस्थित सभी लोगों ने भी पुलिस की इस मानवीय पहल की अत्यंत प्रशंसा की।