हरिद्वार में किशोर न्याय पर कार्यशाला, विशेषज्ञों ने बताई बारीकियां..
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया आयोजन, कानूनी विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए प्रजेंटेशन..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: किशोरों के अधिकार और उनसे जुड़ी न्याय प्रक्रिया को लेकर शुक्रवार को हरिद्वार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर न्याय अधिनियम 2015 को लेकर जनजागरूकता बढ़ाना और विभिन्न विभागों के समन्वय को मजबूत करना रहा।कार्यशाला का आयोजन उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देश और जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के आदेश पर हुआ। “हक हमारा है” थीम पर आधारित इस आयोजन का शुभारंभ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश श्रीवास्तव एवं सचिव/सिविल जज सीनियर डिवीजन सिमरनजीत कौर ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में किशोर न्याय बोर्ड (JJB), बाल कल्याण समिति (CWC), बाल अपराध रोकथाम इकाई (SPJU), रेलवे सुरक्षा बल (RPF), एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU), स्वास्थ्य, श्रम सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। लॉ इंटर्न छात्रों ने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अधिनियम की धारा व व्यवहारिक कार्यशैली पर जानकारी साझा की।
मुख्य वक्ता के रूप में किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान न्यायाधीश कंचन चौधरी ने अधिनियम 2015 की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि किशोरों को कानून के दायरे में समझदारी से लाना आवश्यक है। उन्होंने बाल संरक्षण प्रणाली, किशोर सुधार गृहों की भूमिका और पुनर्वास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट रमन कुमार सैनी ने किया। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने बाल अधिकारों की सुरक्षा और संबंधित विभागों की समन्वित भागीदारी को समय की जरूरत बताया।