
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नगरनिगम हरिद्वार मेयर पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में टिकट दावेदारी को लेकर राजनीति गरमा गई है। टिकट की दौड़ में दिव्यांगजनों और निराश्रित पशुओं की सेवा के लिए प्रसिद्ध समाजसेविका और योगाचार्य सोनिया अरोड़ा के अलावा पूर्व पालिकाध्यक्ष कमल जोरा की पुत्रवधू रूचि जोरा ने भी आवेदन किया है। रूचि जोरा ने अपने आवेदन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे पार्टी के भीतर समीकरणों में हलचल बढ़ गई है।
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सोनिया अरोड़ा की मजबूत दावेदारी…..सोनिया अरोड़ा, जो पिछले 15 वर्षों से मूक-बधिर और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं, ने भाजपा जिलाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं को अपना आवेदन सौंपा। उनकी सेवा और समाज के विभिन्न वर्गों में लोकप्रियता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
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कमल जोरा का समर्थन….रूचि जोरा को उनके ससुर और हरिद्वार के पूर्व पालिकाध्यक्ष कमल जोरा का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। कमल जोरा का भाजपा में प्रभाव और उनका राजनीतिक अनुभव उनकी पुत्रवधू की दावेदारी को और मजबूत करता है।
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भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति..

टिकट के लिए कई दावेदारों के मैदान में उतरने से भाजपा की अंदरूनी राजनीति गर्मा गई है। सोनिया अरोड़ा और रूचि जोरा की दावेदारी ने पार्टी नेतृत्व को कठिन स्थिति में डाल दिया है।
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नेतृत्व का रुख क्या होगा…?सोनिया अरोड़ा की सामाजिक सेवा और दिव्यांगजनों में लोकप्रियता जहां उनकी दावेदारी को मजबूत करती है, वहीं रूचि जोरा को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और परिवार के अनुभव का लाभ मिल रहा है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व किसे प्राथमिकता देता है। पार्टी का निर्णय मेयर चुनाव के लिए हरिद्वार में भाजपा के भविष्य को तय करेगा।