
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मुस्लिम फंड मामले में पुलिस ने खातों का वर्गीकरण करते हुए उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटा है। अभी तक यही माना जा रहा था कि मुस्लिम फंड में केवल मुस्लिम समुदाय के खाताधारक ही लेनदेन करते आ रहे हैं, लेकिन पुलिस की छानबीन में हिंदू समुदाय के बड़ी संख्या में खाते होने की बात सामने आई है। वही फरार अब्दुल रज्जाक के बारे में भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।

एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर ज्वालापुर पुलिस ने मुस्लिम फंड के खातों का वर्गीकरण किया है। अभी तक कुल 22 हजार खाते खुलने की बात सामने आई है। इनमें 13 हजार 382 खाते चालू मिले हैं। इनमें भी 8716 खाते ऐसे हैं, जिनमें 500 रुपये या इससे भी कम रकम जमा है। जबकि 1107 खाते ऐसे मिले हैं, जिनमें 10 हजार से लेकर लाखों रुपये जमा हैं।

वहीं, खाताधारकों के नाम खंगालने पर 2471 खाते हिंदुओं के मिले हैं। जिनमें बड़ी संख्या में व्यापारी हैं। इससे यह भी पता चलता है कि मुस्लिम फंड पर हिंदू व्यापारियों और आम लोगों को भी मुस्लिम फंड पर पूरा भरोसा था और उन्होंने अच्छी खासी रकम खातों में जमा कर आई हुई थी।

हैरानी की बात यह है कि बड़ी रकम गंवाने वाले खातेधारक खुलकर सामने आने से बच रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि कहीं बड़ी रकम का खुलासा होने पर उन्हें कहीं इसका हिसाब-किताब ना देना पड़ जाए। आमजन और व्यापारियों के अलावा एक किन्नर के डेढ़ करोड़ रुपये रज्ज़ाक पर होने की चर्चाएं भी लोगों की ज़ुबान पर हैं।

वहीं, रज्जाक के करीबियों और परिवारजनों से पूछताछ का सिलसिला जारी है ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि आरोपी की तलाश चल रही है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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1997 से चल रही थी संस्था…
ज्वालापुर में घर-घर जाकर 10-20 रुपये इकट्ठा करने वाली संस्था का संचालन साल 1997 से मुस्लिम इमदादी सोसायटी के नाम से चला आ रहा था। इतने लंबे समय से साफ-सुथरा लेनदेन होने के चलते लोग मुस्लिम फंड पर आंख बंदकर भरोसा करते थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्याज रहित लेनदेन होने के बावजूद मुस्लिमों के साथ ही अन्य लोग भी अपनी रकम पूरे विश्वास के साथ जमा कराते थे। खाताधारकों को यहां अपनी रकम बैंक से ज्यादा सुरक्षित महसूस होती थी। खाताधारकों को चंद रोज पहले तक भी यह मालूम नहीं था कि उन्हें इस विश्वास की बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अभी तक की छानबीन में करीब 9 करोड़ रुपये का घपला सामने आया है।
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इंग्लैंड से आना था चंदा….
पुलिस की जांच में सामने आए तथ्य और सूत्रों की जानकारी पर गौर करें तो पता चलता है कि दो साल पहले अब्दुल रज्जाक ने मुस्लिम इमदादी फंड का नाम बदलकर अचानक कबीर म्यूचुअल बैनेफिट निधि लिमिटेड रख दिया था। इसके पीछे लालच और साजिश का गठजोड़ सामने आया है। ऐसा बताया गया है कि अब्दुल रज्जाक को इंग्लैंड से चंदे के नाम पर बहुत बड़ी रकम खातों में डालने का आफर मिला था। जिसमें रज्जाक को बैठे-बैठे करोड़ों की कमाई लालच दिया गया। इसके लिए संस्था का नाम बदलने और जमानत के तौर पर खातों में बड़ी रकम जमा कराने के लिए कहा गया। सूत्र बताते हैं कि रज्जाक ने खाताधारकों की रकम के अलावा कई परिचितों से मोटा उधार लेकर चुपचाप लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये जमा करा दिए। रज्जाक के करीबी दावा कर रहे हैं कि वह खुद बड़ी जालसाजी का शिकार हुआ है, ऐसी जानकारी पुलिस को भी मिली है। वहीं, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस गाढ़ी कमाई का कहां इस्तेमाल हुआ है, इसका पता भी लगाया जा रहा है।
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एसएसपी ने आमजन से भी की अपील….
कई एंगल पर पूरी गहनता से जांच कराई जा रही है। संस्था ने कहां कहां फंडिंग की है, इस पर भी फोकस किया गया है। आमजन भी धैर्य बनाए रखे और पुलिस जांच में सहयोग करें। आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। आमजन से यह भी अपील है कि अपना पैसा निवेश करने से पहले पूरी जानकारी जुटा लें, उन्हें कोई धोखा तो नहीं दे रहा है। अजय सिंह, एसएसपी हरिद्वार