रुड़की महापौर ने किया था पद का दुरुपयोग, डीएम की जांच में हुई पुष्टि..
वित्तीय अधिकार हासिल नहीं होने के कारण अनियमितता के आरोपों के नहीं मिले सुबूत..

पंच👊नामा
रुड़की: नगरनिगम के महापौर पद से इस्तीफा देने के बाद निवर्तमान महापौर के लिए राहत वाली खबर सामने आई है। हालांकि रिपोर्ट में ये साफ कहा गया है कि महापौर पद पर रहते हुए गौरव गोयल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य किया है। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी की ओर से पूर्व महापौर गौरव गोयल के खिलाफ की गई जांच पड़ताल में पाया गया है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है, अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्य में हस्तक्षेप किया है। हालांकि उनके द्वारा किसी तरह की वित्तीय अनियमिता नहीं की गई है।

रुड़की निवासी अमित अग्रवाल ने पूर्व महापौर गौरव गोयल के खिलाफ शासन में अवैध धन उगाही, और वित्तीय अनिमितताओं का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की थी। शासन ने जिलाधिकारी हरिद्वार को संबंध में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। जिस पर जिलाधिकारी की ओर से मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्य जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच कमेटी की ओर से मामले की विस्तृत जांच पड़ताल की गई और 16 फरवरी को तत्कालीन महापौर को बयान देने के लिए बुलाया था।
इस दौरान जांच कमेटी ने पाया कि पूर्व महापौर गौरव गोयल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कर्मचारी और अधिकारियों के कार्य में हस्तक्षेप किया है। उनको चेतावनी दी गई थी लेकिन उन्होंने अपने कार्य शैली में कोई सुधार नहीं किया है। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि उनके खिलाफ किसी तरह के गंभीर अनिमितताओं की पुष्टि नहीं हुई है।

साथ ही महापौर गौरव गोयल ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है जिसको शासन ने स्वीकार कर लिया है। ऐसे में उनके पद पर न होने और किसी गंभीर अनिमितता की पुष्टि न होने के चलते उन्हें भविष्य में सचेत करते हुए कठोर चेतावनी के साथ इस मामले को बंद किया जाता है। यह निर्देश मुख्य सचिव आरके सुधांशु की ओर से जारी किया गया है। वही पूर्व महापौर गौरव गोयल ने कहा कि उन पर जो भ्रष्टाचार के आरोप थे जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है।
