
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: कोर्ट के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में देरी बरतने पर ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार और एसएसआई राजेश बिष्ट को पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के गजब का शिकार होना पड़ा।

एसएसपी ने दोनों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। मामला मध्य हरिद्वार के देवभूमि अस्पताल के मालिक सुशील कुमार और भाजपा व आरटीआई कार्यकर्ता सचिन चौधरी के बीच विवाद से जुड़ा है। डीजीपी दरबार तक हल्ला मचने के बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बताई जा रही है। “चर्चाएं है कि विवाद में ऊपरी आदेश का पालन कराने में नाकाम होने पर गाज गिरी है।

देवभूमि अस्पताल के मालिक सुशील कुमार और आरटीआई कार्यकर्ता व भाजपा नेता सचिन चौधरी के बीच काफी समय से विवाद चल आ रहा है सचिन चौधरी का आरोप है कि अस्पताल जिस भवन में चल रहा है, वह कमर्शियल नहीं, बल्कि घरेलू है। सचिन ने इस बाबत एचआरडीए आरटीआई से जानकारी भी मांगी थी। दूसरी तरफ डॉक्टर सुशील कुमार ने सचिन चौधरी पर रुपए मांगने का आरोप लगाया था।

बीते जनवरी माह में डॉ सुशील ने ज्वालापुर कोतवाली में सचिन के खिलाफ तहरीर दी थी, जिस पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसा बताया गया है कि पिछले हफ्ते कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश ज्वालापुर पुलिस को कर दिए थे।

लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच सुलह का प्रयास भी हुआ। मगर सफलता नहीं मिली। मामला कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के संज्ञान में आने पर उन्होंने एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर शुक्रवार को मुकदमा दर्ज करने के साथ ही एसएसपी ने कोतवाल और एसएसआई को लाइन हाजिर कर दिया। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है

जिसकी चलती है, उसकी कोई गलती नहीं……
जिसकी चलती है, उसकी कोई भी गलती नहीं है। जिसकी चल नहीं पाती सारी गलती उसकी होती है। मुकदमा दर्ज करने में देरी पर हुई कार्रवाई से कई तरह की सुगबुगाहट भी बनी हुई है। गलतियों पर गलती और लापरवाही पर लापरवाही करने वाले कई धुरंधर चादर तानकर सोए हुए हैं। लेकिन उनकी चलती है तो इसलिए उनकी क्या गलती है।