रैंकर दारोगा भर्ती भी रही विवादों में, हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी 7 याचिकाएं..
रैंकर दारोगाओं में भी कई धुरंधर "हाकम के करीबी, कईयों को न जांच का पता ना पुलिसिंग की जानकारी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक कांड उजागर होने के बाद कई भर्तियां सवालों के घेरे में आ गई हैं। ताबड़तोड़ गिरफ्तारी के बाद पेपर लीक कांड की जांच करने वाले पुलिस महकमे की भर्तियां भी जांच की जद में आ गई। नकल गैंग के माफिया हाकम सिंह रावत के साथ कुछ दारोगाओं की फोटो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2015-16 में हुई दारोगा सीधी भर्ती जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं 2016 में 304 पदों पर हुई रैंकर दारोगा भर्ती को लेकर भी चर्चाओं का दौर चल पड़ा है।

दरअसल, उस समय विवादों में रही दारोगा रैंकर परीक्षा में बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ था। इस परीक्षा को लेकर सात अलग-अलग याचिकाएं नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की गई थी। जबकि कई स्तरों पर जांच के बाद तीन अभ्यर्थियों के करेक्टर रोल (कोर्स) के नंबर नहीं जोड़े जाने उन्हें चयनित सूची से बाहर कर दिया गया। आपत्ति के बाद तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने जांच कराई थी। जिसमें मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी का खुलासा भी हुआ था। यह वही दौर था, जब हाकम सिंह का जलवा अपने चरम पर था। ऐसे में सीधी भर्ती के साथ-साथ रैंकर परीक्षा को लेकर भी जांच की मांग महकमे के अंदर से ही उठने लगी है। जबकि सच्चाई यह भी है कि रैंकर परीक्षा देकर दारोगा बनने वाले कई धुरंधर हाकम के करीबी बताए जा रहे हैं।

अलग-अलग भर्ती घोटाले के मामले जिस तरीके से आए दिन सामने आ रहे हैं, उससे उत्तराखंड बनने के बाद हुई सभी भर्तियों की जांच की मांग भी जोर पकड़ रही है। भर्तियों में चयनित नहीं हो पाने वाले युवाओं के मन में आक्रोश बना हुआ है। उन्हें लग रहा है कि उनका हक मारकर अयोग्य लोगों को सेटिंग गेटिंग के बल पर नियुक्तियां दी गई हैं। कई संगठन निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे हैं। पेपर लीक कांड से लेकर विधानसभा भर्ती घोटाले तक पर हंगामा मचने से धामी सरकार सड़क से लेकर सदन तक घिरती नजर आ रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विधानसभा भर्ती गड़बड़ी की जांच को लेकर एक पत्र वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को लिखा। भर्तियों में गड़बड़ियों का जिक्र छिड़ने पर 2016 रैंकर दारोगा भर्ती परीक्षा और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में घोटाले की जांच की मांग भी उठने लगी है। देखना यह होगा कि पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच की संस्तुति और विधानसभा भर्ती घोटाला व दारोगा सीधी भर्ती मामले की जांच कराने वाली धामी सरकार क्या इन भर्तियों की जांच का साहस भी दिखा पाएगी।