नाबालिग जोड़े की शादी की सूचना पर हरकत में आया प्रशासन, मौके पर पहुंची टीम..
दोनों परिवारों की काउंसिलिंग कर सख्त लहजे में समझाया, कहा "बाल विवाह कराया तो होगी सख्त कानूनी कार्रवाई..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र के ग्राम भुवापुर चमरावल में एक नाबालिग लड़के और लड़की के प्रस्तावित विवाह की सूचना मिलने पर प्रशासन सक्रिय हो गया। बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) बहादराबाद द्वितीय वर्षा शर्मा ने इस मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिए। इसके बाद फेरूपुर चौकी पुलिस, चाइल्ड हेल्पलाइन की नीलम चौहान और बाल कल्याण समिति के सदस्य नोमान ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की।
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संयुक्त टीम ने की परिवारों की काउंसलिंग…..टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों परिवारों से बातचीत की और उन्हें बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी दी। उन्हें समझाया गया कि नाबालिगों का विवाह अवैध है और इससे बच्चों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। परामर्श के बाद, दोनों परिवारों ने बालक और बालिका के बालिग होने तक विवाह को टालने की लिखित सहमति दी।
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बालक और बालिका की अलग से काउंसलिंग…..बालक और बालिका की भी अलग से काउंसलिंग की गई ताकि वे अपने अधिकारों, शिक्षा और भविष्य की संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझ सकें। उन्हें बताया गया कि बाल विवाह से उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस कार्यवाही में ग्राम प्रधान, विभागीय सुपरवाइजर नीलम और गीतिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ललिता और बृजेश ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीडीपीओ वर्षा शर्मा ने बताया कि प्रशासन बालकों के अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिले तो तुरंत इसकी जानकारी दें ताकि समय पर उचित कार्रवाई की जा सके।
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बाल विवाह के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता ज़रूरी…..सीडीपीओ वर्षा शर्मा ने बताया कि बाल विवाह निषेध कानून के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह अवैध माना जाता है। इसके बावजूद कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रथा जारी है। ऐसे में सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा निरंतर जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है, ताकि इस कुप्रथा को जड़ से खत्म किया जा सके।