
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार में इन दिनों फर्जी पत्रकारों का आतंक है। शहर से लेकर देहात तक ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां “नेता-अफसर या ठेकेदारों का फर्जी पत्रकारों से आमना सामना ना हुआ हो। 90 फीसद तथाकथित पत्रकारों का काम सिर्फ ब्लैकमेल कर धन ऐंठना है, इनका न तो पत्रकारिता से कोई सरोकार है ना ही जनहित के मुद्दों से कोई मतलब।

विडंबना यह है कि तथाकथित पत्रकारों की फौज पर अंकुश लगाने की परवाह ना तो पुलिस-प्रशासन को है ना सूचना विभाग या पत्रकार संगठनों को है। देवभूमि भैरव सेना संगठन ने ऐसे तथाकथित और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला प्रशासन से की है, इसके लिए बकायदा जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया है।

देवभूमि भैरव सेवा संगठन के जिला प्रमुख चरणजीत पाहवा ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर बताया कि कोरोना महामारी के बाद जिलेभर में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आ गई है, जो अधिकारियों/कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर मात्र ब्लैकमेलिंग का धंधा चला रहे है।

जिससे क्षेत्र में असली सच्चे पत्रकारों की छवि ब धूमिल हो रही है। ऐसे कथित तौर पर जी पत्रकार केवल हाथ में मोबाइल और आईडी बनाकर उगाई पर निकल पड़ते हैं। फेसबुक और यूट्यूब के सहारे जमकर अवैध वसूली की जा रही है। आरोप लगाया कि कई अधिकारी और पुलिसकर्मी भी ऐसे फर्जी पत्रकारों का संरक्षण दे रहे हैं। इससे हरिद्वार शहर भी से अछूता नहीं है।

जिलाधिकारी से फर्जी पत्रकारों के खिलाफ जांच कर चिन्हित करने की मांग की गई, ताकि समाज मे फर्जी पत्रकारों के आतंक से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा पत्रकारिता देश का चौथा और महत्वपूर्ण स्थम्ब है, पत्रकारिता के नाम पर अपनी दुकानें चलाने वाले तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ अभियान चलाया जाए। अन्यथा संगठन ऐसे फर्जी और तथाकथित फर्जी पत्रकारों को बेनकाब करेगा।