दागी और कामचोर दारोगा संवेदनशील थानों में पोस्टिंग पाकर तेजतर्रार पुलिसिंग के दावों को लगा रहे पलीता..
कोई ड्यूटी से गायब, कोई विवेचनाओं में फिसड्डी, किसी का एक सूत्रीय कार्यक्रम, डगमगा रहा पुलिस का इकबाल..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जिले के पुलिस महकमे में होनहार दारोगा, इंस्पेक्टरों की कमी नहीं है। ज्यादातर अधिकारी भी अनुभवी हैं। लेकिन जोड़ जुगत से मलाईदार व संवेदनशील थाना कोतवाली में पोस्टिंग पाने वाले कुछ दागी और कामचोर दारोगाओं से पुलिस का इकबाल डगमगा रहा है।

ऐसे दारोगाओं के कारनामे आए दिन सुर्खियां बटोर रहे हैं। मनमाफिक पोस्टिंग पाने के बावजूद इनमें कोई दारोगा अपनी डयूटी को लेकर गंभीर नहीं है तो किसी को विवेचना में सिर खपाने में दिलचस्पी नहीं है। कईयों का एक सूत्रीय कार्यक्रम है कि सुबह से शाम तक अपनी जेब भरो।

इसके लिए चाहे अपने एसओ-इंस्पेक्टर को आंखें दिखानी पड़े या फिर अधीनस्थ सिपाहियों पर रौब झाड़ना पड़े। ऐसे गैर जिम्मेदार दारोगा अधिकारियों की भी खूब फजीहत करा रहे हैं। जबकि गंभीर मामलों में सस्पेंड, लाइन हाजिर होने वाले दारोगाओं को नियमानुसार संवेदनशील थाना कोतवाली में नहीं भेजा जाना चाहिए।

लेकिन कोई रिश्वत मामले में तो कोई अवैध पटाखा फैक्ट्री चलवाने में सस्पेंड हो चुका है, कोई निजी शौक के चलते कार्रवाई की जद में आ चुका है, ऐसे-ऐसे दारोगा न सिर्फ महत्वपूर्ण कोतवाली में जमे हुए हैं, बल्कि कई तो एसएसआई, चौकी प्रभारी तक बने हुए हैं।

उनका काम केवल और केवल मुफ्तखोरी करना है। इनकी शिकायतें भी आए दिन आला अधिकारियों के कानों तक पहुंच रही हैं, इसलिए माना जा रहा है कि आचार संहिता खत्म होने पर पुलिसिंग के नाम पर बोझ बने ऐसे दारोगाओं को उनकी उचित जगहों पर भेजा जाएगा।