ज्वालापुर में निकले ताजिये, मुस्लिम सेवा संगठन ने लगाई सबील ए इमाम हुसैन..
राहगीरों को शर्बत पिलाकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को किया याद..

पंचनामा-ब्यूरो
हरिद्वार: हक और बातिल की जंग में सच्चाई व इंसानियत के लिए शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन की याद में मंगलवार को ज्वालापुर व आस पास के गांवों में जगह-जगह ताजिये निकाले गए। वहीं, मुस्लिम सेवा संगठन की ओर से सबील ए इमाम हुसैन लगाई गई। जिसके तहत कटहरा बाजार में जामा मस्जिद के बाहर स्टाल लगाकर राहगीरों को शर्बत पिलाया गया और हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया।
पैगंबर मुहम्मद साहब के नाती हजरत इमाम हुसैन मोहर्रम माह की 10 तारीख को इराक के कर्बला मैदान में जालिम बादशाह यजीद के साथ हुई हुई जंग में शहीद हो गए थे।
एक तरफ यजीद का हजारों का लश्कर और दूसरी तरफ हजरत इमाम हुसैन व उनके चंद साथी। इसके बावजूद हजरत इमाम हुसैन ने हक का साथ नहीं छोड़ा। जालिम बादशाह यजीद के सामने झुकना गवारा नहीं किया।
अपनी जान देकर भी हक और इंसानियत का परचम लहराने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को शिया और सुन्नी अपने-अपने तरीके से याद करते हैं।
—————————————-ज्वालापुर में मुस्लिम सेवा संगठन के महानगर अध्यक्ष नदीम अली के नेतृत्व में सदस्यों ने जामा मस्जिद पर सबील ए इमाम हुसैन लगाकर राहगीरों को शर्बत बांटा।
इस दौरान एडवोकेट गुलबहार अहमद खां, आजाद कादरी, सलीम ख्वाजा़, अरशद अंसारी, समीर अंसारी, मुख्तियार खान आदि शामिल रहे।
दूसरी तरफ, ज्वालापुर के कैथवाड़ा में पुराना ताजिया छम्मन पीरजी, ग्यास मंसूरी, गुलफाम पीरजी, खलीक मंसूरी की मौजूदगी में निकाला गया। वही कोटरवान, मैदानियान, घोसियान आदि मोहल्लों में हजरत इमाम हुसैन की याद में ताजिये निकाले गए।
युवाओं ने अखाड़े में जौहर दिखाए। मोहल्ला कोटरवान में सरफराज खान, खत्ताब खान, इनाम साबिर, अर्शनवाज, जॉनी खान, फैजान अंसारी आदि ने ताजिया तैयार किया।
इसके अलावा जगह-जगह लंगर बांटा गया। फातिहाख्वानी की गई। मर्सियां भी पढ़ी गई। इसी तरह, अहबाबनगर शिया इमाम बाड़ा में अंजुमन फरोग ए अजा कमेटी की ओर से मजलिस हुई।
जिसमें आलिमों ने हजरत इमाम हुसैन सहित तमाम शोहदा ए कर्बला की शहादत पर रोशनी डाली। नोहाख्वानी भी की गई। कमेटी के सदर हैदर नकवी ने बताया कि बुधवार को मातम किया जाएगा।