पंच👊नामा-डेस्क: अनाथ आश्रम में एक किशोरी के साथ एक नाबालिग ने दुष्कर्म कर दिया। नाबालिग आरोपी भी अनाथ आश्रम में रहता है। मामला देहरादून शहर कोतवाली क्षेत्र में तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम का है। आश्रम प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, अनाथ आश्रम में निराश्रित व परिवार से ठुकराए गए लगभग 50 बालक व बालिकाएं रहते हैं। हालांकि बालक व बालिकाओं के अलग-अलग होस्टल हैं, लेकिन खाना दोनों एक साथ ही होता। एक किशोर और किशोरी के बीच बातचीत होने पर उसने किशोरी को दुष्कर्म का शिकार बना डाला। पीड़िता की तबियत खराब होने पर उसका चेकअप कराया गया। उसके गर्भवती होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस कप्तान जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है।
बलात्कारी को 10 वर्ष की कठोर कैद……….
किशोरी से बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अंजलि नौनियाल ने मुख्य आरोपी जब्बाद को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कैद व 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि दूसरे आरोपी गुलजार को बहला फुसलाकर ले जाने में सहायता करने पर पांच वर्ष की कैद व 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता आदेश चौहान ने बताया कि वर्ष दो अगस्त 2018 में पथरी क्षेत्र के गांव से मुख्य आरोपी जब्बाद पीड़ित किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया था।आरोप लगाया था कि पीड़ित किशोरी को भगाकर ले जाने में मुख्य आरोपी जब्बाद की सहायता करने में आलम,उसका पिता शमशेर अली,गुलजार, जुल्फिकार उर्फ भुट्टो व गफ्फार भी शामिल थे।यही नहीं, आरोपी जब्बाद को पीड़ित किशोरी को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए ग्रामीणों ने भी देखा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीड़ित किशोरी को बरामद किया था।पीड़ित किशोरी ने अपने परिजनों को सारी आपबीती बताई थी। बताया था कि आरोपी जब्बाद ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।जिसपर पीड़िता के परिजनों ने आरोपी जब्बाद समेत सभी आरोपियों के खिलाफ अपहरण, दुराचार,षड्यंत्र रचना,व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद आरोपी जब्बाद पुत्र शमशेर अली,उसके पिता शमशेर अली व गुलजार पुत्र मुस्तकीम निवासी गण ग्राम बहादरपुर जट पथरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 11 गवाह पेश किए। जबकि साक्ष्य के अभाव में आरोपी शमशेर अली को दोषमुक्त कर दिया गया है।