उत्तरप्रदेश

दरगाह साबिर पाक के 18 वे सज्जादानशीन ने पहली मर्तबा कराई मुकद्दस जुब्बा शरीफ की जियारत..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
मुनव्वर अली साबरी, गंगोह: हजरत अब्दुल कुद्दुस (गंगोही) रह. का 5 सौ वा सालाना उर्स बड़ी अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। शनिवार को पुरानी परम्पराओं के अनुसार हजरत अब्दुल कुद्दुस रह. के जुब्बा शरीफ (पैरहन) की जियारत कराई गई। इस दौरान दरगाह साबिर पाक के 18 वे सज्जादानशीन शाह अली एजाज कुद्दुसी साबरी को पहली मर्तबा हजरत अब्दुल कुद्दुस गंगोही रह. के सज्जादानशीन शाह मेहताब आलम ने जुब्बा शरीफ (पैरहन) को पहनाया। और परम्परा अनुसार बस की छत पर रखी एक कुर्सी पर बैठकर सज्जादानशीन ने हजारों अकीदतमंदों को जियारत कराई। गंगोह शरीफ स्थित खानकाह कुद्दुसिया कुरैशिया से जुब्बा शरीफ की सवारी रवाना हुई, जो जुलूस व कव्वाली और अल्लाहु की सदाओं के साथ दीगर चौराहा से होती हुई। दरगाह शेख अबु सईद कुद्दुसी साबरी पर पहुँची जहां जुब्बा शरीफ पहने सज्जादानशीन ने वहाँ मौजूद हजारों अकीदतमंदों व देश की एकता अखंडता के लिए दुआ कराई। इसके बाद बस वापस खानकाह कुद्दुसिया कुरैशिया पर पहुँची, जहा जुलूस का समापन हुआ और जुब्बा शरीफ को अपने स्थान पर रख दिया गया।
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जुब्बा शरीफ का इतिहास…….
गंगोह स्थित दरगाह हजरत अब्दुल कुद्दुस गंगोही रह. के पैरहन को जुब्बा शरीफ कहते है। जिसे सैकड़ो वर्षों से आजतक बड़ी हिफाजत के साथ रखा गया है। इस जुब्बा शरीफ को हर साल हजरत अब्दुल कुद्दुस रह. के सालाना उर्स पर जियारत कराई जाती है। ये सिलसिला सैकड़ो सालों से बदस्तूर चला आरहा है। जुब्बा शरीफ की ज़ियारत करने के लिए बड़ी संख्या में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ती है।
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कौन पहनता है जुब्बा शरीर (पैरहन)…….
गंगोह स्थित खानकाह कुद्दुसिया कुरैशिया के सज्जादानशीन इस जुब्बा शरीफ को पहनकर जियारत कराते है। उस वक्त के सज्जादानशीन हजरत शाह कुरैश मियां जुब्बा शरीफ की जियारत कराया करते थे, वर्ष 1995 में शाह कुरैश मियां का विसाल होने के बाद।

फाइल फोटो

दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन व हजरत शाह कुरैश मिया के खलीफा (उत्तराधिकारी) शाह मंसूर एजाज कुद्दुसी साबरी को तमाम सिलसिले के जिम्मेदार लोगों खानकाहे कुद्दुसिया कुरैशिया की सज्जादगी की जिम्मेदारी दी और 2021 तक साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज कुद्दुसी साबरी ने जुब्बा शरीफ की जियारत कराई।
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वर्तमान सज्जादानशीन ने पहली बार पहना जुब्बा शरीफ….
वर्ष 2021 में दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज कुद्दुसी साबरी का विसाल होने के बाद शाह अली एजाज कुद्दुसी साबरी को दरगाह साबिर पाक का 18 वा सज्जादानशीन बनाया गया। जिसके बाद दरगाह कुद्दुसिया कुरैशिया की जिम्मेदारी भी शाह अली एजाज साबरी को सौंपी गई। लेकिन कोरोना काल के चलते देशभर में लॉक डाउन लगने के कारण सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंन के चलते दो वर्षो तक मुख्तसर रूप में उर्स अदा किया गया। इस बार पहली मर्तबा दरगाह साबिर पाक के वर्तमान सज्जादानशीन शाह अली एजाज कुद्दुसी साबरी ने जुब्बा शरीफ पहनकर अकीदतमंदों को जियारत कराई।
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उर्स में इन रस्मों को किया जाता है अदा…..
हजरत अब्दुल कुद्दुस गंगोही रह. के सालाना उर्स का आगाज वहां मौजूद तबर्रुकात की जियारत के साथ किया जाता है। दरगाह शरीफ के सज्जादानशीन शाह मेहताब आलम हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में मुकद्दर तबर्रुकात की जियारत कराते है। इसके बाद रात में महफ़िल ए समा, कुल शरीफ, लंगर, गुशल शरीफ की रस्म अदा की जाती है। रस्म अदायगी के दौरान सज्जादानशीन शाह मेहताब आलम कुद्दुसी व नायब सज्जादानशीन मखदूम कुद्दुसी सैकड़ो अकीदतमंदों की मौजूदगी में दुआएं खैर कराते है।
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ये रहे मौजूद…..
ख्वाजा गरीब नवाज के गद्दीनशीन फैज मियां चिश्ती, दरगाह शेखुल आलम के सज्जादानशीन अहमद मियां, दरगाह साबरी दिल्ली के सज्जादानशीन बदर मियां, शादाब जहा कुद्दुसी, सूफी मोहम्मद अहसान मियां, सूफी निसार, कलीम फरीदी, साहबजादा शाह यावर एजाज साबरी, यासिर एजाज, कौसर कुद्दुसी, जकी हन्नान कुद्दुसी, शाह सुहैल मियां, शाह राजी, शाह गाजी, असद साबरी, नोमी साबरी, अशरफ पठान सूरत, शफीक साबरी, सूफी राशिद साबरी सहित दीगर ख़ानक़ाहों से सज्जादगान, खुद्दाम मौजूद रहे।

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