यति नरसिंहानंद की धर्म संसद को प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, एनवक्त पर उखड़ा टैंट..
आज से जूना अखाड़ा में शुरू होनी थी धर्म संसद, हेट स्पीच के पुराने मामलों को देखते सख़्त हुआ प्रशासन, नरसिंहानंद ने लगाया धमकाने का आरोप..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद की ओर से बुलाई गई धर्म संसद को लेकर पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। जिस कारण कार्यक्रम और वक्त पर कैंसिल करना पड़ा और अभी कुछ देर पहले टेंट भी हटा दिया गया है। इससे नाराज यति नरसिंहानंद ने अधिकारियों पर धमकाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। साथ ही पैदल यात्रा करने का ऐलान किया है।
————————————–बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर स्वामी यति नरसिंहानंद की ओर से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में 19, 20 और 21 दिसंबर को विश्व धर्म संसद लगाने का आह्वान किया था। जिसमें उनके शिष्य, समर्थक व अन्य संतगण पहुंच शामिल होने थे। साल 2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद सहित कई अन्य संतों पर हेट स्पेच के आरोप में कई मुकदमे दर्ज हुए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद यति नरसिंहानंद, वसीम रिजवी आदि कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसलिए इस बार धर्म संसद को लेकर हरिद्वार का पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया था। बुधवार को जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर एसडीएम अजय वीर सिंह, सीओ सिटी जूही मनराल के नेतृत्व में शहर कोतवाल कुंदन सिंह राणा, एलआइयू इंस्पेक्टर नीरज यादव आदि ने जूना अखाड़ा पहुंचकर स्वामी यति नरसिंहानंद से मिलकर यह आश्वस्त कराने के लिए कहा था। कि कार्यक्रम में हेट स्पीच का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसी आधार पर सशर्त अनुमति देने की बात कही गई। यति को एक लिखित नोटिस भी रिसीव कराया था। लेकिन बात नहीं बनी और प्रशासन में कार्यक्रम की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया। नतीजतन धर्म संसद टल गई। यति नरसिंहानंद ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन के अधिकारी उन्हें डरा धमका रहे हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत भी की गई है। ऐलान किया है कि अब इस मुद्दे पर वे पैदल यात्रा निकालेंगे।