दरगाह को आमदनी का जरिया मान बैठे कथित खादिम..
वीआइपी ट्रीटमेंट की लगी लत, तर्क भी चौखे..10 मार्च के बाद होगी ठोस कार्रवाई..
पंच👊नामा-पिरान कलियर: ””एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी… तर्क ये कि जब कर्मचारी, पीआरडी, ठेकेदार लूट रहे है तो हम क्यों नही…. जी हां ये तर्क है उन कथित खादिमो के है जो बेरोजगारी के चलते दरगाह को आमदनी का जरिया मांग बैठे, आमदनी भी ऐसी जिसमे हींग लगे ना फिटकडी और रंग चौखा.. यही वजह है कि कथित खादिमो की फौज दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। भोलेभाले जायरीनों का बेवकूफ बनाकर ये फ़र्ज़ी खादिम वीआइपी ट्रीटमेंट भी हासिल करते है, जायरीन की जितनी गहरी आस्था फ़र्ज़ी खादिम की उतनी ही ज्यादा मौज, मसलन आस्थावान साबिर पाक के नाम पर दोनो हाथों से लुटाता है, और इसी का फायदा उठाकर फ़र्ज़ी खादिम दोनो हाथों से जेबें भरते है। बहरहाल लूट के खेल में और भी जिम्मेदारान की संलिप्तता भी सामने आचुकि है। लेकिन ”चोरी और सीनाजोरी,, वाली कहावत मात्र फ़र्ज़ी खादिमो पर सटीक बैठती है। उसकी वजह ये है कि जो दरगाह का कर्मचारी है वो गड़बड़ करता है तो उसपर गाज भी गिरती है, ठेकेदार की गड़बड़ी पाई जाती है तो उसका ठेका निरस्त किया जाता है, लेकिन फ़र्ज़ी खादिमो को ना तो नौकरी की चिंता है और ना ही ठेके की, क्योंकि इनका हाथ कर्मचारी या ठेकेदार की तरह दबा नही है इसलिए भी बेखौफ होकर फ़र्ज़ी खादिमी के इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है।
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क्या कहते है पूर्व प्रबंधक…..
दरगाह के पूर्व प्रबंधक रह चुके फुरकान अली का कहना है कि दरगाह कार्यालय स्टॉफ की इजाज़त के बिना फ़र्ज़ी खादिम दरगाह में खड़ा नही हो सकते। वो कहते है कि कार्यालय अधिकारी की सांठगांठ के चलते ही फ़र्ज़ी खादिम की फौज इकठ्ठा हुई है। ये सब दरगाह प्रबंधक की लापरवाही का नतीजा है जो जायरीन भुगत रहे है।
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10 मार्च के बाद होगी ठोस कार्रवाई……
दरगाह के कार्यवाहक प्रबंधक शफीक अहमद का कहना है कि कई बार पुलिस को नामजद तहरीर भी दी जा चुकी है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नही हो पाई। अभी भी पुलिस और प्रशासन मतगणना को लेकर व्यस्त है। अधिकारियों से बात हुई है 10 मार्च के बाद ठोस कदम उठाए जाएंगे।