पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: इंस्पेक्टर महेश जोशी के हरिद्वार से रुद्रप्रयाग किए गए तबादले पर पीएचक्यू (पुलिस हैडक्वार्टर) ने रोक लगा दी है। डीआईजी रेंज कार्यालय से जारी तबादला आदेश निरस्त होने से हरिद्वार में हल्की राजनीति करने वालों को “करारा जवाब” मिला है।दरअसल, ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रहते इंस्पेक्टर महेश जोशी का तबादला राजनीतिक कारणों से होने की चर्चाएं लगातार बनी हुई थी। लेकिन तबादले के लिए जिस “गुणा भाग यानि जिले में तैनाती के समय को आधार बनाया गया था, ऊंचे स्तर पर हुई जांच में वह गलत पाया गया। इससे साफ है कि साजिश रचने वालों ने होमवर्क नहीं किया और उनके सारे मंसूबे नाकाम हो गए। यही वजह है कि खुराफात करने वालों को मुंह की खाने से यह मामला पुलिस विभाग से ज्यादा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौरतलब है कि 4 जनवरी 2022 को ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी के तौर पर चार्ज संभालते ही इंस्पेक्टर महेश जोशी ने कई छुटभैय्ये नेताओं की दुकानें बंद कर दी थी। कोतवाली के 200 मीटर के दायरे तक भी दलालों की आमद वर्जित हो गई थी। इतना ही नहीं, छोटे-छोटे मामलों में बेईमानीपूर्वक हस्तक्षेप करने वाले उनके आकाओं को भी कई मामलों में जमीन देखनी पड़ी थी।
इसीलिए इंस्पेक्टर महेश जोशी उनकी आंखों में खटक रहे थे। सूत्र बताते हैं कि एक नेताजी ने इंस्पेक्टर महेश जोशी सहित दो तबादलों की पटकथा लिखी थी। तबादलों में सियासी हस्तक्षेप का यह पहला मामला नहीं है। कुछ दिन पहले मनमाफिक कार्रवाई न करने पर एक नेता ने तत्कालीन रानीपुर कोतवाली प्रभारी कुंदन राणा का तबादला कराते हुए भी अपनी झल्लाहट उतारी थी। लेकिन ताजा मामले से स्तरहीन राजनीति करने वाले हरिद्वार के कई नेताओं को सबक मिला है।।