बिल्डर ने “जूते की नोक पर रख दिए गढ़वाल कमिश्नर के आदेश..
कमिश्नर की रोक के बावजूद एचआरडीए की मिलीभगत से चल रहा निर्माण..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी में बिल्डर इतने बेलगाम हैं कि सारे नियम कानून उनके ठेंगे पर हैं। कनखल में एक बिल्डर ने तो हद ही कर दी। उसने गढ़वाल कमिश्नर के आदेश ही अपने जूते की नोक पर रख डाले। यह सब उसने अकेले दम पर नहीं, बल्कि एचआरडीए की शह पर किया है। इस प्रकरण से नियम-कानूनों की बाध्यता के साथ ही कमिश्नर के इकबाल पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका एचआरडीए क्या नियमों को रौंदने वाले बिल्डरों की मदद के लिए ही बनाया गया है। ये सभी आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी व शासन के आला अधिकारियों से की गई है।
कनखल की पुरुषोत्तम विहार कॉलोनी निवासी भवानी शंकर पंत ने बताया कि वर्ष 2009 में बिल्डर्स से मकान मालिक के नाते जान पहचान हुई थी। बिल्डर्स प्रकाशदीप भाटिया व सम्राट सैनी आदि ने फ्लैट बेचने का प्रस्ताव रखा था। जिसपर उन्होंने बिल्डरों से तय कीमत पर अपार्टमेंट में पहली, दूसरी व अन्य मंजिल पर स्थित फ्लैट खरीद लिए थे। आरोप है कि बिल्डरों ने अपार्टमेंट में बेसमेन्ट में पार्किंग की जगह कमरे बनाकर बेच दिए। शिकायत पर एचआरडीए ने अपार्टमेंट में सीलिंग की कार्रवाई कर निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए। लेकिन बिल्डर इस मामले को लेकर गढ़वाल कमिश्नर के दरबार पहुंच गया। बिल्डर की दलील सुनने के बाद गढ़वाल कमिश्नर ने सीलिंग की कार्यवाही स्थगित कर दी, मगर याचिका निस्तारण तक अपार्टमेंट में निर्माण कार्य नहीं करने के आदेश दिए थे। शिकायतकर्ता भवानी शंकर पंत का आरोप है कि रोक के बावजूद निर्माण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने फोटो और वीडियो सहित एचआरडीए के आलाधिकारी को कई बार शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायतकर्ता ने अब जिलाधिकारी व अन्य आला अधिकारियों को शिकायत देकर आदेश की अवहेलना करने और एचआरडीए पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। पंत ने बताया कि कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
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