दरगाह प्रबंधक के दावों की सीईओ के पत्र ने निकाली हवा, ठेकों पर देना होगा स्पष्टीकरण..
सुधार के दावों के बीच चार महीने में ही सवालों के घेरे में आई कार्यप्रणाली, शादाब शम्स के दावे भी हवाई..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पिरान कलियर दरगाह व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स और दरगाह प्रबंधक रजिया बेगम की ओर से किए गए दावों पर सीईओ मुख्तार मोहसिन के एक पत्र से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और दरगाह प्रबंधक लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दरगाह की व्यवस्थाओं में सुधार लाकर बड़ी क्रांति कर डाली, लेकिन सीईओ मुख्तार मोहसिन का पत्र इन दावों के पीछे की हकीकत बयान कर रहा है। जिलाधिकारी के नाम भेजे गए इस पत्र को पढ़कर साफ पता चलता है कि दरगाह के करोड़ों रुपए के सालाना ठेकों में किस दर्जे की मनमानी करते हुए फैसले लिए गए हैं। हैरत की बात यह है कि निर्देशित करने के बावजूद महज 5 ठेकों के अलावा अन्य किसी भी ठेकों की पत्रावलियां अभी तक सीईओ की टेबल पर नहीं पहुंची।

जबकि ठेकों की समय सीमा 31 मई को पूरी होने जा रही है। इस गंभीर लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए मुख्तार मोहसिन ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि दरगाह से जुड़े वार्षिक ठेके ई-नीलामी के माध्यम से स्वीकृत किये जाते है, जिससे दरगाह को करोंडों रूपयों की आय प्राप्त होती है।

दरगाह के वार्षिक ठेकों के सम्बन्ध में प्रबन्धक, दरगाह पिरान कलियर को 09 मार्च को एक पत्र भेजा गया था। जो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की और जिलाधिकारी हरिद्वार को भी भेजी गई थी। इस पत्र में प्रबन्धक को ठेकों की नीलामी के प्रकाशन के आलेख सहित पत्रावली प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए थे।

प्रकरण में प्रबन्धक, दरगाह पिरान कलियर को कई बार मौखिक व दूरभाष द्वारा भी निर्देशित किया गया कि ठेकों की प्रक्रिया समयान्तर्गत पूर्ण किए जाए। लेकिन बार बार दिये गये निर्देशों के बावजूद मात्र पांच ठेकों की पत्रावली प्रस्तुत की गई। अन्य शेष ठेके जो कि माह 31 मई, 2023 को पूर्ण होने जा रहे है, उनकी पत्रावलियां प्रस्तुत नही की जा रही है।
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“दरगाह की आय प्रभावित होने के आसार….

पत्र में लिखा गया है कि दरगाह कार्यालय की ओर से इस कार्य में लापरवाही और स्थिलता बरती जा रही है। जिस कारण दरगाह की आय प्रभावित होने के पूर्ण आसार है। पत्र में जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि इस मामले में प्रबंधक से स्पष्टीकरण लेते हुए ठेकों के बारे में कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी कराने के निर्देश दिए जाएं। बड़ा सवाल यह है कि प्रबंधक अपनी कारगुजारी पर जो भी सफाई दे, वह अलग बात है। लेकिन वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब समझ इस बारे में क्या कहेंगे, यह देखने वाली बात है।