धर्म-कर्महरिद्वार

क़दीमी घर शाह नन्हे मियां के मकान से शुरू होगी मेंहदी डोरी की रस्म…

क्या है मेंहदी डोरी की रस्म...

शाह खालिक मियां..
शाह खालिक मियां..

पंच👊नामा..
पिरान कलियर:-उर्स स्पेशल-2

हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के 753 वे सालाना उर्स का विधिवत शुभारंभ मेंहदी डोरी की रस्म के साथ होगा। रबीउल-अव्वल का चांद दिखाई देने पर इस रस्म को सज्जादानशीन के क़दीमी घर जो वर्तमान में शाह नन्हे मियां (मरहूम) के घर के नाम से जाना जाता है, वहां से शुरू होगी। ये जानकारी साहिबजादा शाह खालिक मियां ने प्रेसवार्ता के दौरान दी।

सज्जादा परिवार के सदस्य शाह खालिक मियां ने अपने आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि रविउल-अव्वल का चांद दिखाई देने पर साबिर पाक के सालाना उर्स का आगाज मेंहदी डोरी की रस्म के साथ होगी। मेंहदी डोरी की रस्म सज्जादानशीन के क़दीमी घर जो हाल में शाह नन्हे मियां के घर के नाम से जाना जाता है वहा से शुरू होती है। उन्होंने बताया मेंहदी डोरी की सामग्री का इंतेजाम भी उन्ही के द्वारा किया जाता है। मेंहदी डोरी की रस्म से पहले फ़ातिहा ख्वानी, लंगर, सूफ़ियाना महफ़िल होती है। इसके बाद सज्जादानशीन की अगुवाई में मेंहदी डोरी की थाल सर पे लेकर दरगाह शरीफ के लिए बुलंद नारो के साथ निकला जाता है, आगे-आगे कव्वाल सूफ़ियाना कलाम पढ़ते हैं और अकीदतमंद हक साबिर के नारों के साथ जुलूस के रूप में शामिल होते हैं। सज्जादानशीन मेंहदी डोरी और संदल साबिर पाक के आस्ताने पर पेश करते है और इसके बाद तमाम अकीदतमंदों को मेंहदी डोरी प्रसाद के रूप में तकसीम की जाती है। देर रात खतमशरीफ़ को अदा करने के बाद ये रस्म पूरी हो जाती है और उर्स का विधिवत रूप से शुभारंभ हो जाता है।

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