फ़साद की जड़ बना मलाईदार चेकपोस्ट, कभी रहता था वीरान, अब ड्यूटी के लिए पुलिसकर्मियों में घमासान..
थानेदार साहब ने रोस्टर के रूप में निकला तोड़, मगर पुलिसकर्मियों के एक गुट ने कर दी चीटिंग, आफत में पड़ गई जान..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: यूपी बार्डर पर कभी सुनसान रहने वाला एक चेक पोस्ट इन दिनों थाने के पुलिसकर्मियों में घमासान का कारण बना हुआ है। मारा-मारी के इस दौर में किसी को मलाईदार थाना, तो किसी को कोतवाली चाहिए। बेचारे पुलिसकर्मी एक अदद चेक पोस्ट पर ड्यूटी ही तो चाहते हैं।

मजेदार बात यह है कि पहले तो ड्यूटी के सिफारिश के लिए आने वाले फोन पर थानेदार साहब ने भी गौर नहीं किया। लेकिन जब टाइम बे टाईम फोन आने लगे तो अनुशासन का चाबुक चलाया। थानेदार साहब भी अनजान थे कि चेकपोस्ट पर ड्यूटी के पीछे आखिर माजरा क्या है।

“पंच👊नामा…” के खास खबरी “लल्लन रावत” की मानें तो धीरे-धीरे मामला बढ़ने लगा और सिपाहियों के दो गुट बन गये। रायता फैलता देख थानेदार साहब ने इसका तोड़ निकाला और घोषणा कर दी कि चेकपोस्ट पर रोस्टर के हिसाब से सभी पुलिसकर्मी दो-दो महीने डयूटी करेंगे।

वही चेकपोस्ट के दारोगा जी चुपचाप घी की कढ़ाई कब्जे में लेकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहे हैं। वैसे भी उनका नाम ही इतना प्यारा है कि सुनते ही चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है।
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ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों ने कर दी चीटिंग……

सूत्रों के मुताबिक पहले तो दो महीने ठीक चलता रहा, पर बाद में चेकपोस्ट पर ड्यूटी बजाने पहुंचे पुलिसकर्मियों के एक गुट ने वहीं डेरा डाल लिया। वह चार महीने बाद भी चेकपोस्ट से हटने को तैयार नहीं है। यह तो सरासर चीटिंग हुई ना..? लेकिन आगे इससे भी बढ़कर ना इंसाफी हुई। कुछ पुलिसकर्मियों ने थानेदार से शिकायत की तो थानेदार साहब ने हाथ खड़े कर दिए।

उनकी क्या मजबूरी रही, ये तो वही जानें। अलबत्ता, किस पुलिसकर्मी की इतनी हिम्मत कि वह थानेदार साहब से पंगा ले। वैसे भी थानेदार साहब आला अधिकारियों के चहेते बताए जाते हैं। कई अधिकारियों से तो वह तन्हाई में मिलते हैं।

थानेदार साहब अनुशासन का चाबुक क्यों नहीं चला पा रहे हैं, इसको लेकर कई चर्चाएं बनी हुई हैं, जिन पुलिसकर्मियों का नंबर नहीं आया वह “साम-दाम दंड-भेद” कर डयूटी चेक पोस्ट पर लगवाने की जुगत में लगे हुए हैं। फिलहाल अच्छी बात ये है कि चेकपोस्ट पर चेकिंग बढ़िया चल रही है। मजाल नहीं कि कोई परिंदा भी नज़रों से बचकर निकल जाए।