हरिद्वार

दरगाह प्रबंधन की चालाकी या लापरवाही, जायरीनों की कटेगी जेब, ठेकदार मालामाल..

फोर व्हीलर पार्किंग के ठेके में छोटे वाहन के रेट का उल्लेख नहीं, जमकर चलेगी मनमर्जी..

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पंच👊नामा
पिरान कलियर: दरगाह दफ्तर किन-किन तरीकों से अपना हित साधता है और अपने चहेते ठेकेदारों को कितना फायदा पहुँचता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन नियमों का हवाला देकर ठेकेदारों को ठेके सुपुर्द किए जाते है उनपर पालन कराने में दफ्तर स्टॉफ पूरी तरह से नाकाम साबित होता है, और इससे भी बड़ी बात ये है कि अगर नियमों में ही गोलमाल कर दिया जाए तो क्या ही कहने। कुछ ऐसा ही मामला 4 व्हीलर पार्किंग ठेके में सामने आया है। जिन नियमों पर 4 व्हीलर पार्किंग का ठेका दिया गया है उससे ठेकेदार की तिजोरियां भरनी लाजमी है, जी हाँ नियम ये है कि 4 व्हीलर पार्किंग में छोटी गाड़ियों से 30 रुपये और बड़े वाहनों से 50 रुपये शुल्क वसूला जाएगा। जबकि इस बार जो नियम दिए गए है उनमें छोटी गाड़ियों के 30 रुपये शुल्क का कही जिक्र नही किया गया है। 20 नियमों (शर्ते) वाले लेटर में मात्र बड़े वाहनों का शुल्क 50 रुपये खोला गया है। जिसका फायदा ठेकेदार आसानी से उठा सकता है या यूं कहें उठा रहा है। ठेके में पारदर्शिता लाने के लिए एक नियम ये भी है कि पार्किंग स्थल पर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है ताकि आने वाले जायरिनों से अधिक वसूली ना हो सके, उस नियम को भी ताख पर रखा गया है। पार्किंग स्थल पर कही रेट लिस्ट सार्वजनिक नही की गई है, जो बड़ी गड़बड़ी का इशारा करती है। ऐसे हालात में नियमों को फॉलो कराने वाला अमला नियमअनुसार कार्य कैसे करा पाएगा ये बड़ा सवाल है। सूत्र बताते है कि इस लापरवाही या चूक का फायदा ठेकेदार धड़ल्ले से उठा रहा है। देखने वाली बात ये होगी कि दरगाह प्रशासन पार्किंग स्थल पर रेट लिस्ट को कब तक सार्वजनिक करवा पाते है और भृम वाली स्थिति को स्पष्ट कर पाते है।

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