कांवड़ियों की जान बचाने, बवाल थामने वाले जांबाज़ों को मेडल देना भूल गया विभाग..
हाई प्रोफाइल मामलों की मुठभेड़ और फ़र्ज़ की ख़ातिर अपनी जान दांव पर लगाने वालों का नाम भी लिस्ट में नहीं..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के 60 पुलिस अधिकारी और जवानों को अलग-अलग कैटेगरी में मेडल से नवाजा गया है। प्रदेश के सबसे बड़े जनपद हरिद्वार के सात पुलिसकर्मियों को भी मेडल मिला है।

लेकिन गंगा में डूब रहे अनगिनत कावड़ियों की जान बचाने से लेकर बड़ा बवाल थामने वाले जांबाज पुलिसकर्मियों को विभाग मेडल देना भूल गया। जबकि इनमें कई पुलिसकर्मियों ने मेले के दौरान ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी और उत्तराखंड पुलिस का लोहा पूरे देश में मनवाया।

हालांकि, जिन पुलिसकर्मियों को मेडल मिला है, वे भी सम्मान के हक़दार हैं, अलबत्ता कांवड़ मेले और हाल के कुछ महीनो में जिले के कई पुलिस कर्मियों ने फर्ज की खातिर अपनी जान दांव पर लगाने वाले पुलिसकर्मियों के नाम लिस्ट से नदारद होने से कइयों को मायूसी हाथ लगी है।

यहां तक कि देहरादून, उधमसिंहनगर तक के हाई प्रोफाइल मामलों में फरार चल रहे इनामी और फरार अपराधियों को मुठभेड़ के दौरान हरिद्वार में पकड़ा गया। जिसमें हरिद्वार पुलिस की भूमिका अहम रही है। मेडल की लिस्ट बनाने में इनमें कई पुलिसकर्मियों का ख्याल नहीं रखा गया है।

इसको लेकर कई तरह की सुगबुगाहट पुलिसकर्मियों के बीच बनी हुई है। अनुशासित बल होने के कारण भले ही पुलिसकर्मी इस पर खुलकर अपनी राय नहीं रख पा रहे हों, लेकिन दबी जुबान में कई अधिकारी भी यह स्वीकार करते हैं कि ऐसे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मेडल जरूर मिलना चाहिए था।
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कावड़ मेला इस बार कई तरह की चुनौतियों से भरा हुआ रहा। मेले की शुरुआत में ही खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदारों का नाम चस्पा करने के फरमान से शुरू हुई बहस के चलते लॉ एंड ऑर्डर कायम रखना भी पुलिस के लिए चुनौती था।

मेले में बड़ी तादाद में डाक कावड़ के वहां हरिद्वार पहुंचे और कई जगह हादसा होने और गंगा जल खंडित होने से बड़ा बवाल होते होते बचा। गंगा में डूबते कांवड़ियों की जान बचाने वाले कई पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड पुलिस की धाक जमाई।

स्वतंत्रता दिवस पर इन पुलिसकर्मियों को यदि मेडल मिलता तो अन्य पुलिसकर्मियों का मनोबल भी अपने आप बढ़ जाना था।