परिजनों की डांट के डर से चली गई थी छात्रा, पुलिस ने चंद घण्टों में ढूंढ निकाला..
पैरेंट्स मीटिंग में पोल खुलने का था डर, 90 कैमरे खंगालकर पुलिस को मिली सफलता..
पंच👊नामा
रुड़की: टेस्ट में नम्बर कम आने पर परिजनों की डांट के डर से 11 वर्षीय छात्रा बिना बताए अचानक घर से चली गई, जब परिजनों को इसका आभास हुआ तो उन्होंने तत्काल मंगलौर कोतवाली पुलिस को सूचना दी, सूचना पर काम करते हुए प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल ने पुलिस टीम के साथ बच्ची की तलाश शुरू की और करीब 90 सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद लीड मिलने पर बच्ची को 8 घण्टों के भीतर ऋषिकेश से सकुशल बरामद कर लिया। जानकारी के अनुसार मंगलौर निवासी मंजीत ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उसकी 11 वर्षीय पुत्री के सुबह करीब 9:30 बजे अचानक घर से कहीं चली गई। जिस सम्बंध में जाने के संबंध मु0अ0सं0 13/2023 धारा 363 आईपीसी अज्ञात दर्ज किया गया।
छोटी बच्ची सम्बन्धी प्रकरण होने व अनहोनी की संभावना के दृष्टिगत एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने पूरी जनपद पुलिस को अलर्ट करते हुए अलग-अलग टीमें बनाकर बच्ची की तलाश शुरु करने के निर्देश दिए। सिलसिलेवार तरीके से लगभग 90-95 सीसीटीवी कैमरे चेक कर कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस टीम को लीड मिली की बच्ची रोडवेज बस अड्डे से ऋषिकेश की बस में बैठी थी, जिस आधार पर बस की लोकेशन को ट्रेस करते हुए बच्ची को ऋषिकेश से लगभग 8 घंटे में सकुशल रेस्क्यू कर बरामद कर लिया गया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई पर स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों ने खूब सराहना की। बच्ची के परिजनों ने बताया कि उसके युनिट टेस्ट सही नही गए थे। स्कूल में पैरेंट्स टीचर मिटिंग होने के कारण उसे डर था कि घर पर डांट पड़ेगी, इसी डर से वह बिना किसी को कुछ बताए घर से चली गई थी। बच्ची को परिजनों के सुपुर्द किया गया। एसएसपी अजय सिंह ने बच्ची के सकुशल बरामदी पर पुलिस टीम की पीठ थपथपाई।
गौरतलब है कि गंगनहर कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक के रूप में रहते हुए भी इंस्पेक्टर मनोज मैनवाल ने एक ऐसे ही प्रकरण को चंद घण्टो में सुलझाया था, और लापता बच्ची को बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया था।