
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर की जूर्स कंट्री के स्विमिंग पूल में बच्चे की डूबकर मौत के मामले में परिवार को अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। हैरानी की बात यह है कि जिलाधिकारी ने न्यायिक जांच बिठा कर 15 दिन में रिपोर्ट तो मांग ली, लेकिन उस जांच और रिपोर्ट का एक माह बाद भी कुछ अता-पता नहीं है।
बच्चे के मां-बाप ने मीडिया के सामने आकर इंसाफ मांगा है। साथ ही आरोप लगाया है कि बिल्डर के दबाव में आरोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है।बीते 28 अप्रैल को जूर्स कंट्री में जिम्नास्ट सीखने गए एक साथ साल के बच्चे रुद्राक्ष की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई थी। शुरुआती दौर में बच्चे की जिमनास्टिक टीचर प्रियंका चौधरी की लापरवाही सामने आई थी। दरअसल, स्विमिंग पूल पर कोई सुरक्षा कर्मी भी मौजूद नहीं था। इसलिए जूस कंट्री प्रबंधन पर भी सवाल उठे। इस मामले में बच्चे के पिता डॉ अभिषेक की ओर से प्रियंका चौधरी प्रबंधन के प्रतिनिधि दीपक व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
साथ ही जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने न्यायिक जांच बिठाते हुए एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा को जांच सौंपी थी और 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन इस रिपोर्ट का एक माह बाद भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चे के पिता अभिषेक और मां ज्योति ने रविवार को जूस कंट्री में मीडिया के सामने आकर जांच लटकाने और आरोपियों को बचाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक विवेचना अधिकारी का ही कुछ अता पता नहीं चल पाया है। जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रसूखदार बिल्डर का दबाव ही हो सकता है कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि हमने अपना बच्चा खोया है और हमें ही बयान दर्ज कराने और जांच का पता करने के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं दिखाई गई है। 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए बच्चे के मां-बाप ने कहा कि यदि आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।