पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड पुलिस की एक महिला कांस्टेबल पति के उत्पीड़न का शिकार हो गई। तीन तलाक के बाद महिला कांस्टेबल को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ा। पति के खिलाफ कार्रवाई होना तो दूर, आरोप यह भी है कि पति के दबाव में विभाग ने उल्टे महिला कांस्टेबल का तबादला रुद्रप्रयाग जिले में कर दिया। दरअसल, उसका पति स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात है और वर्तमान में मुख्यमंत्री आवास में संबद्ध है। सवा साल बाद देहरादून के पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।
खबरों के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला अंजू निशा की शादी वर्ष 2006 में माजरा देहरादून निवासी शाहबुद्दीन के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे हुए। इसके कुछ समय बाद ससुर ने उन्हें पति और बच्चों के साथ घर से निकाल दिया। वह परिवार समेत किराये पर रहने लगीं और बाद में लोन लेकर अपना मकान ले लिया। उसने दिसंबर 2020 में महिला हेल्पलाइन में लिखित शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला कांस्टेबल का कहना है कि वह नौकरी के साथ अपने दोनों बच्चों की देखभाल भी करती थीं। आरोप है कि 28 मार्च 2021 को पति ने उन्हें पीटा और फिर अपने पिता व अन्य रिश्तेदारों को बुलाकर उनके सामने तीन बार तलाक बोल दिया। इसके बाद जान से मारने की नीयत से उन पर चाकू से हमला भी किया। तब रिश्तेदारों ने किसी तरह उनकी जान बचाई। आइएसबीटी पुलिस चौकी में शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उस समय वह देहरादून में अभियोजन कार्यालय में तैनात थीं। विभाग ने 31 मई 2022 को अभियोजन कार्यालय से हटाकर उनका तबादला रुद्रप्रयाग कर दिया। सिपाही का आरोप है कि तबादला उनके पति के दबाव में किया गया। इतना ही नहीं, आरोपी पति ने तबादले के बाद उन्हें निलंबित करवाने की धमकी भी दी। पटेलनगर कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर रविंदर यादव ने बताया कि उनके पास मंगलवार को शिकायत आई थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।