
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पीलीभीत के एक युवक का मानसिक रोग और शारीरिक अक्षमता को छिपाकर उसके परिजनों ने कनखल क्षेत्र की युवती से शादी करा दी। युवक के नपुंसक होने की बात सामने आने पर पीड़िता ने जब ससुरालियों से शिकायत की तो उन्होंने उसका उत्पीड़न किया। पीड़िता ने ससुरालियों पर जानबूझकर सच्चाई छिपाते हुए धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने और विवाह को शून्य घोषित करने की गुहार कोर्ट से लगाई है। कोर्ट ने वाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी है।
कनखल क्षेत्र की युवती ने कोर्ट में दायर वाद में बताया कि उनकी शादी इसी साल बीते 5 मई को पीलीभीत के अग्रवाल परिवार के एक युवक से हुई थी। कार्यक्रम ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में संपन्न हुआ था। आरोप लगाया कि रिश्ता तय करते समय युवक को बीटेक पास और अध्यापक बताया गया, जबकि विवाह के बाद सामने आया कि वह लंबे समय से मानसिक रोग से पीड़ित है और बरेली के एक मनोचिकित्सक से उसका इलाज चल रहा है।
इसके बावजूद परिजनों ने यह तथ्य छिपाकर जल्दबाजी में शादी करा दी। पीड़िता का आरोप है कि विवाह के पहले दिन से ही पति ने शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया और स्वीकार किया कि वह इसमें सक्षम नहीं है। यहां तक कि उसने यह भी कहा कि यदि पत्नी चाहे तो किसी अन्य पुरुष से संबंध बना सकती है। जब पीड़िता ने सास को बताया तो उसे चुप कराने की कोशिश की गई। बाद में चिकित्सक से भी यह तथ्य सामने आया कि युवक की बीमारी पुरानी है।
वाद में यह भी कहा गया है कि युवक का व्यवहार असामान्य है। कभी वह पत्नी पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाता, तो कभी मोबाइल पर अजीबोगरीब संदेश लिखकर स्टेटस में डाल देता, जिससे पीड़िता को परिजनों और परिचितों के सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। इसके चलते उसका वर्क-फ्रॉम-होम का काम प्रभावित हुआ और अंततः नौकरी छूट गई। पीड़िता का कहना है कि अब तक वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं हुए हैं।
युवक और उसके परिजनों ने जानबूझकर धोखाधड़ी से विवाह कराया, जो हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत शून्य घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही उसने मुकदमे का खर्च भी दिलाने की मांग की है। कोर्ट ने वाद को स्वीकार करते हुए सनी के लिए अगली तारीख तय कर दी है। विपक्षियों को नोटिस जारी करते हुए अगली तारीख पर उपस्थित होने के आदेश भी दिए गए हैं।