ग्राम पंचायत की जमीन खुर्द-बुर्द करने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, “बिल्डर, प्रधान और पटवारी” की तिगड़ी ने कर दिया खेल..
जिला पंचायत उपाध्यक्ष के बाद अब ग्राम प्रधान पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप, कल से बाग में धरना देंगे ग्रामीण..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: बहादराबाद क्षेत्र में ग्राम पंचायत की जमीन खुर्द-बुर्द करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। लेकिन “बिल्डर प्रधान और पटवारी” की तिगड़ी ने यहां भी खेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हरे भरे बाग को पटवारी ने रिपोर्ट में खाली जमीन दिखाकर अपनी कलम फंसा दी।
हालांकि, हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए फोटो समेत रिपोर्ट मांगी है और सोमवार को फिर इस मामले में सुनवाई होनी है। इधर, पूरे मामले को लेकर शिकायतकर्ताओं दाताराम चौहान, जसवंत और संजय कुमार ने एक बार फिर प्रेस क्लब में पत्रकारों के सामने झूठ को बेनकाब करते हुए ग्राम प्रधान नीरज चौहान समेत अन्य आरोपियों पर संगीन आरोप लगाए। साथ ही यह ऐलान भी किया कि सोमवार से इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बाग में ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे। ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने भी उनका समर्थन करते हुए भ्रष्टाचार में शामिल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई।
—————————————-प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन बेदी गुट के प्रदेश अध्यक्ष दाताराम चौहान ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान नीरज चौहान व सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं ने ग्राम पंचायत की जमीन खुर्द-बुर्द की है। लेखपाल की मिली भगत से करोड़ों रुपए का लेनदेन करते हुए दस्तावेजों में हेराफेरी भी की गई है। पिछली पत्रकार वार्ता के बाद मामले की जांच न होने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया।
आरोप लगाया कि पटवारी ने बाग को खाली जमीन दिखाकर हाई कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और अफसरशाही चरम पर है। बहादराबाद क्षेत्र में ग्राम पंचायत की जमीन पर हुआ करोड़ों का खेल इसका जीता जागता उदाहरण है। शिकायतकर्ता जसवंत और क्षेत्र पंचायत सदस्य संजय कुमार ने बताया कि अखबार के साथ फोटो लेकर अब हाई कोर्ट में दाखिल किया जा रहा है, ताकि हाई कोर्ट को वास्तविकता का पता लग सके और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई हो। आरोप लगाया कि तहबाजारी के ठेके के नाम पर ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्तारक्षर दिखाकर भूमि के कब्जे का खेल किया गया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों के जनहित की भूमि को खुर्दबुर्द नहीं करने दिया जाएगा। इस भूमि पर पूर्व से ही बाग चला आ रहा है। जिसमें फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। लेकिन ग्राम प्रधान व अन्य लोग इस भूमि को खुर्दबुर्द करने की नीयत से कुचक्र चला रहे हैं। प्राइवेट बिल्डर को यह भूमि किसी भी सूरत में नहीं बेचने दी जाएगी। क्षेत्र के ग्रामीण एकजुट होकर सोमवार से बाग में धरना शुरू करते हुए पुरजोर विरोध जताएंगे
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जिला पंचायत उपाध्यक्ष की अवैध कॉलोनी पर चुप्पी…..
जिला पंचायत उपाध्यक्ष के अवैध कॉलोनी में सरकारी मद से सड़क बनाने और पेयजल लाइन बिछाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आने के बावजूद अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि शनिवार को कई संगठनों ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि लगातार मांग उठने के बावजूद अधिकारी जांच से क्यों कतरा रहे हैं। मामला उजागर होने पर आम जन के मन में भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या जिला पंचायत उपाध्यक्ष की अवैध कॉलोनियों में ही विकास कार्यों की जरूरत है..? यदि ऐसा है तो फिर उनसे वोट क्यों मांगे गए। क्या अवैध कॉलोनी में रहने वाले चंद लोगों ने ही सत्ताधारी पार्टी को वोट दिए हैं। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि यदि जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित कुमार की कॉलोनियों में सब कुछ नियमानुसार हुआ है तो वह कौन लोग हैं, जो जांच से घबरा रहे हैं। पर्दे के पीछे कौन लोग अधिकारियों पर दबाव बनाकर जांच नहीं होने दे रहे हैं।