वक्फ संपत्ति के कब्जादारों की दबंगई, पीड़ित ने जिलाधिकारी से लगाई भूमि कब्जा मुक्त कराने की गुहार..
साल 1941 से वक्फ में दर्ज चली आ रही भूमि, पिछले दिनों कब्जेदारों के विरोध के चलते बैरंग लौट गई थी टीम..
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: मंगलौर में बेशकीमती जमीन को लेकर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी हरिद्वार के नाम पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल, हाल ही में प्रशासन की टीम जमीन पर हुए कब्जा हटाने के लिए मौके पर पहुँची थी लेकिन दोनो पक्ष आमने सामने आने के कारण विवाद बढ़ गया, पर्याप्त फोर्स ना होने के कारण कब्जामुक्त की कार्रवाई को रोकते हुए टीम बैरंग लौट गई थी।
अब एक बार फिर शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र लिखकर जमीन को कब्जामुक्त कराने की गुहार लगाई है।
दरअसल मंगलौर के पठानपुरा मोहल्ले में स्थित वक्फ संपत्ति पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को लेकर शिकायतकर्ता जमीलुर्रहमान ने जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।
उन्होंने पत्र में खसरा नंबर 508 की जमीन को लेकर विस्तार से जानकारी दी है, उन्होंने बताया वर्ष 1941 में वक्फ संपत्ति के रूप में इस जमीन को दर्ज की गई थी। उन्होंने इस वक्फ संपत्ति पर चार परिवारों द्वारा अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया है। पत्र में उल्लेख है कि यह जमीन वक्फ अधिनियम 1995 के तहत उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की संपत्ति है।
बावजूद इसके, स्थानीय लोगों ने इसे चार हिस्सों में बांटकर व्यक्तिगत उपयोग के लिए कब्जा कर लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि जमीन का एक हिस्सा 0.092 हेक्टेयर का है, जो वक्फ के अंतर्गत आता है। इस पर पहले भी उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा फरवरी 2023 में आदेश जारी कर अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अब तक इस आदेश का पालन नहीं हो सका है, और जमीन पर कब्जा बरकरार है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड और प्रशासनिक आदेशों के बावजूद इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हो रही है। पत्र में वक्फ अधिनियम की धारा 103(3) और 104 का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से शीघ्र न्यायपूर्ण कार्रवाई की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने 26 जनवरी 2023 को इस जमीन को लेकर रिपोर्ट भी दाखिल की थी,
लेकिन इसका पालन अभी तक नहीं हुआ। शिकायतकर्ता जमीलुर्रहमान ने जिलाधिकारी हरिद्वार से मामले को गंभीरता से लेते हुए अवैध कब्जे को हटाने और विवादित भूमि पर वक्फ अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की अपील की है। उनका कहना है कि इस विवाद का हल निकलने से क्षेत्र में शांति बनी रहेगी और वक्फ संपत्ति की गरिमा भी बरकरार रहेगी।